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11 साल के जाबांज लड़ाके की सिर में गोली मारकर हत्या

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काबुल। तालिबानी आतंकीयों से लोहा लेने की हिम्मत जहां बड़े बड़े नही जुटा पाते हैं वही इन दिनों 11 वर्षीय अफगानिस्तानी जांबाज के बहादुरी के किस्से दुनिया भर में मशहूर हो रहे हैं। वासिल अहमद नाम के इस लडक़े ने न केवल तालिबानियों को धूल चटाई बल्कि 43 दिनों तक पुलिस यूनिट को कमांड भी किया। करीब 71 दिनों तक तालिबान से संघर्ष करने के बाद आखिरकार इसी सप्ताह तालिबानी आतंकियों ने इस लडक़े की सिर में गोली मार कर हत्या कर दी।
वासिल के चाचा समद ने बताया कि वे और वासिल के पिता पहले तालिबान कमांडर थे, लेकिन वर्ष 2012 में उन्होंने तालिबान छोड़ अफगान सरकार के लिए लडऩा शुरू कर दिया था। तालिबान छोडऩे के एक साल बाद ही तालिबान ने वासिल के पिता की हत्या कर दी थी। समद ने बताया, एक साल पहले वासिल ने पूछा था कि मशीन गन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। मैंने उससे पूछा कि तुम मशीन गन का इस्तेमाल क्यों करना चाहते हो तो उसने कहा कि मैं अपने पिता के हत्यारों से बदला लेना चाहता हूं। मैंने उसे एके-47 और पीके मशीन गन, रॉकेट्स और मोर्टार्स की ट्रेनिंग दी। इसके साथ ही उसे सेटलाइट फोन और वीएचएफ रेडियो की भी टे्रनिंग दी। वह बहुत तेज लडक़ा था, उसने बहुत जल्द सभी समझ लिया था।
पिछली गर्मी में जिस इलाके पर वासिल के चाचा समद का नियंत्रण था उसे तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया था। इस संघर्ष में सम और उसके कई लोग जख्मी हो गए थे।

 

समद ने बताया, ‘उसी दौरान वासिल ने मेरे लोगों को कमांड करने का प्रस्ताव रखा। वासिल को यह जिम्मेदारी दी गई। उसने छत पर जाकर मोर्चा लिया और सुबह से लेकर रात तक वह तालिबानियों पर मशीन गन से गोलियां बरसाता रहा। इन दिनों उसने तीन हजार गोलियां दागीं और कई तालिबानियों को ठिकाने लगा दिया। समद ने बताया, ‘वासिल ने मेरे लोगों को 43 दिनों तक कमांड किया और तालिबानियों को खदडऩे तक मोर्चा संभाले रखा। वासिल ने पूरा इलाका तालिबानियों से खाली करवाया। हमलोग केवल 75 थे और तालिबानी सैकड़ों की तादाद में।
गर्मी के आखिरी में तालिबानियों से संघर्ष खत्म करने के बाद समद और वासिल समेत 35 लोगों को विमान के जरिए त्रायन कोट लाया गया था जहां वासिल का स्कूल में दाखिला करवाया गया था। अफगानिस्तान सरकार ने वासिल के जज्बे की जमकर तारीफ की थी और समद और वासिल को अफगान का हीरो घोषित किया था। जाड़े की छुट्टी खत्म होने के बाद वासिल ने स्कूल जाना शुरू किया था कि तालिबानियों ने उसकी हत्या कर दी। उम्मीद की जा रही थी कि वासिल बड़ा होकर पुलिस में भर्ती होगा, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं हो सकेगा।

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