मुंबई। हिट एंड रन मामले में अभिनेता सलमान खान को बांबे हाईकोर्ट ने निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में नाकाम रहा है, केवल संदेह के आधार पर उसे दोषी करार नहीं किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सत्र न्यायालय ने सलमान खान को दोषी करार दिया था। इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीश ने कहा है कि वे मामले की जानकारी लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे। सरकार की ओर से कहा गया है कि महाधिवक्ता से चर्चा करके इस मामले में आगे अपील की जाएगी।
यह है मामला
सलमान पर 28 सितंबर 2002 में शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगा था। आरोप था कि शराब पीकर गाड़ी चलाने से उसकी गाड़ी की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई थी। गुरुवार को न्यायाधीश एआर जोशी ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि संदेह के आधार पर किसी को दोषी करार नहीं किया जा सकता है, इसलिए सलमान खान को निर्दोष बरी किया जा सकता है। इस मामले में मंगलवार व बुधवार को विभिन्न मुददों पर चर्चा की गई और उन्हें नोट करते हुए गुरुवार को निर्णय सुनाने का मन बांबे हाईकोर्ट ने बनाया था।
सत्र न्यायालय में पुलिसकर्मी रविंद्र पाटिल ने गवाही देते हुए कहा था कि घटना वाले दिन सलमान शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे। मामले की जांच चल ही रही थी कि पाटिल का स्वर्गवास हो गया। न्यायालय का मानना है कि उसकी गवाही पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
न्यायाधीश जोशी ने कहा कि पाटिल की गवाही का जो परिणाम है, उस पर चर्चा की जा सकती है, मगर उस पर विश्वास करना मुश्किल होता है। सत्र न्यायालय ने माना था कि सलमान खान शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे, पर सरकारी पक्ष इसे सिद्ध करने में नाकाम रहा है। इसी क्रम में याचिकाकर्ता आभा सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में जांच करने में मुंबई पुलिस ने लापरवाही बरती थी, जिसके कारण मामला खिंचता चला गया था। सलमान खान मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीश ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि वे मामले की जानकारी लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
इन कारणों से बरी किया
बांबे हाई कोर्ट ने सलमान खान को पांच कारणों से मामले में बरी कर दिया। यह मामला 13 वर्ष पुराना था और अभी हाल ही में सत्र न्यायालय ने उन्हें दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी।
अभिनेता सलमान खान मामले में एक विधि विशेषज्ञ ने कहा है कि घटना वाले दिन अर्थात 28 सितंबर 2002 में सलमान खान गाड़ी चला रहे थे, इसे अभियोजन पक्ष सिद्ध नहीं कर पाया। मामले में पुलिसकर्मी रविंद्र पाटिल एक ही गवाह था, जिसका बयान संदेहास्पद था।
गाड़ी चलाने के समय सलमान खान ने शराब पी थी कि नहीं यह भी अभियोजन पक्ष सिद्ध नहीं कर पाया। लोगों की भीड को देखकर सलमान खान अपने बचाव हेतु भागे थे और इसीलिए वे पीडि़तों की मदद भी नहीं कर पाए।
अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में जो सबूत पेश किया, वह सिद्ध नहीं कर पाया। इसीलिए बांबे हाईकोर्ट के न्यायाधीश ए.आर. जोशी ने सलमान खान को बरी कर दिया।