नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए मेट्रो परिसर में निर्धारित समय से ज्यादा देर तक रुकने वाले यात्रियों से जुर्माना लिए जाने का आदेश दिया है।
डीएमआरसी के अनुसार दूरी और किराया भुगतान के आधार पर यात्री मेट्रो परिसर में 65 मिनट से लेकर 180 मिनट तक रहने के लिए अधिकृत हैं। इस नियम का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना लिया जाएगा।
मेट्रो में भीड़ नियंत्रित करने के मकसद से नियमों में यह बदलाव किए हैं। अब यह तय कर दिया गया है कि नौ स्टेशनों तक सफर करने वाले यात्री जो 18 रुपए तक किराया भुगतान करते हैं, वह 65 मिनट तक मेट्रो परिसर में रहने के लिए अधिकृत हैं।
14 स्टेशनों तक सफर करने वाले यात्री जो 23 रुपए तक किराया भुगतान करते हैं, वह अधिक से अधिक सौ मिनट व 23 रुपए से अधिक किराया भुगतान करने वाले यात्री अधिकतम 180 मिनट मेट्रो परिसर में रह सकते हैं। सोमवार से इस नियम का पालन नहीं करने वाले यात्रियों पर प्रति घंटा दस रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकतम जुर्माना पचास रुपए तक हो सकता है।
जानकारी हो कि पहले मेट्रो परिसर में रहने के लिए अधिकतम 170 मिनट का समय निर्धारित था। तब यह देखा गया कि कम दूरी सफर करने के बावजूद हजारों यात्री निर्धारित समय से अधिक देर तक मेट्रो परिसर में रुके रहते हैं। मेट्रो ट्रेन व स्टेशनों पर भीड़ का यह भी एक कारण है। निर्धारित समय से अधिक देर तक मेट्रो परिसर में रहने वाले ज्यादातर युवा होते हैं। नई व्यवस्था होने के चलते मेट्रो ने यात्रियों को कुछ दिन का समय दिया था, ताकि उन्हें नए नियम के बारे में मालूम हो जाए।
डीएमआरसी द्वारा नियमों में किए गए बदलाव 11 जनवरी से लागू है, लेकिन 31 जनवरी तक नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना नहीं किया जा रहा था। जो यात्री निर्धारित समय से अधिक देर तक मेट्रो परिसर में रहते थे, उन्हें बाहर निकलने से पहले कस्टमर केयर काउंटर पर कर्मचारी से मिलना पड़ता था। इसके बाद ही यात्रियों का टोकन या स्मार्ट कार्ड निकास द्वार पर काम कर पाता था।