हरिद्वार। भारतीय विकलांग गंगा सेवा संघ के बैनरतले एक हजार मूक बधिर व नि:शक्तजन ने गंगा सफाई अभियान में श्रमदान किया। प्रेम नगर आश्रम के पास गंगा घाटों की सफाई की गई।
अभियान में बाहर से आए मूक बधिर, शारीरिक विकलांग, नेत्रहीन एवं मानसिक नि:शक्तजन का हरिद्वार आने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो चुका था। सभी के लिए गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा ललतारौपुल में ठहरने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई।
हजारो नि:शक्तजन ने भारत माता के जयकारों के साथ गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता का संकल्प लेकर सफाई अभियान की शुरूआत की। उन्होंने प्रेमनगर घाट के साथ-साथ सिंहद्वार, गोविन्दपुरी, विश्वकर्मा घाट पर भी सफाई की। गंगा सफाई अभियान चलाकर उन्होंने देश और समाज को एक संदेश दिया। हर कोई यह देखकर आश्चर्यचकित था कि मूक-बधिर तथा चलने में असमर्थ भी गंगा सफाई अभियान में जुटे हुए थे।
विकलांगों ने गंगा में मानव श्रृंखला के सहारे गंदे कपड़े, कूड़ा कचरा व अन्य चीजें निकाली। रैली में हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द विकलांगों की भावनाओं को देखते हुए सफाई करने स्वयं गंगाजी में उतरे।
देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक संदीप अरोड़ा ने कहा कि भारत के इतिहास का यह पहला कार्यक्रम है जिसमे सभी तरह के विकलांगों ने गंगा की सफाई की है और एकता का परिचय दिया है।
गंगा सफाई अभियान के बाद सभी 45 से 50 संगठनों ने अपने-अपने संगठन को किनारे रखकर एक ही बैनर भारतीय विकलांग गंगा सेवा संघ के नाम पर गंगा बचाओ रैली निकाली। रैली को शान्तिकुंज के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्डया के प्रतिनिधि प्रदीप दीक्षित ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
रैली चन्द्राचार्य चैक से हरकी पेड़ी तक निकाली गई। रैली का आकर्षण अजरानन्द अंध विधालय के 30 नेत्रहीन बच्चे रहे। रैली के दौरान मूक बधिर, नेत्रहीन एवं शारीरिक विकलांगों ने तख्ती पर लिखे स्लोगन के सहारे गंगा बचाओ के नारे भी लगाए और पत्रक भी बांटकर लोगों को जागरूक किया।