भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल से एक नाबालिग का शव गायब होने की घटना सामने आयी है। शव परीक्षण गृह से गायब हुए शव की जब अस्पताल प्रबंधन जांच पड़ताल की, तो पता चला कि वह शव कोई और व्यक्ति शव को ले गया। वहीं, मृतक के परिजनों ने शव को बेचने का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 29 जुलाई की रात महाराणा प्रताप नगर की एक दुकान में चोरी करने घुसे युवक इमरान खान को करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गयी थी। अगले दिन सूचना पुलिस मौके पर पहुंची, जहां शव की पहचान नहीं होने पर शव को हमीदिया अस्पताल के शव परीक्षण गृह में रखा गया था।
वहीं लगभग 5 दिनों के बाद उस नाबालिग की पहचान करने रशीद खान का परिवार आया। रशीद ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा इमरान खान 20 जुलाई से लापता है। इस पर पुलिस ने मृतक का हुलिया और उसके कपड़े दिखाए, जिसके बाद घरवालों ने उसकी पहचान इमरान के रूप में की। बीते रोज जब इमरान का परिवार उसका शव लेने पहुंचा, तो वहां मौजूद डॉक्टर ने बताया कि इमरान का शव उसके परिजनों को सौंप दिया है।
इस पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में देर रात तक हंगामा किया और पुलिस में इसकी शिकायत की। शिकायत के बाद मौके पर पहुंची, पुलिस ने डॉक्टर्स को बताया कि मृतक की शिनाख्त होने के बाद वे परिजनों को लेकर आए हैं। ऐसे में डॉक्टर्स ने किसे शव सौंप दिया। पुलिस ने जब रिकार्ड मांगा तो सामने आया कि शव परीक्षण गृह में लाश को सुपुर्द करने के रिकॉर्ड के बारे में स्पष्ट जानकारी तक नहीं दर्ज की गई है। इमरान के परिजनों ने कोहेफिजा थाने में लाश के गायब होने की सूचना दी है।