नामदेव न्यूज डॉट कॉम
देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो सदियों से अपने भीतर कई रहस्य छिपाए हुए हैं। कई मंदिरों में ऐसी रस्में होती हैं जो अपने आप में अनोखी होती है। ऐसा ही एक मंदिर है छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित निरई माता मंदिर जो साल में केवल एक दिन पांच घंटे के लिए खुलता है। इन पांच घंटों में यहां हजारों बकरों की बलि दी जाती है। मान्यता है बलि चढ़ाने से देवी मां प्रसन्न होकर सभी मनोकामना पूरी करती हैं, वहीं कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद भेंट के रूप में जानवरों की बलि देते हैं। गरियाबंद जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर की कुछ खास बातें
– यह मंदिर अंचल के देवी भक्तों की आस्था का मुख्य केंद्र है। यहां जानवरों खासकर बकरे की बलि की प्रथा आज भी जारी है।
– इस मंदिर में महिलाओं को प्रवेश और पूजा-पाठ की इजाजत नहीं हैं, यहां केवल पुरुष पूजा-पाठ की रीतियों को निभाते हैं।
– महिलाओं के लिए इस मंदिर का प्रसाद खाना भी वर्जित है, खा लेने पर कुछ न कुछ अनहोनी हो जाती है।
– इस मंदिर के पट साल में केवल एक दिन चैत्र नवरात्रि के पहले रविवार को खुलते हैं।
– देश के अन्य मंदिरों में जहां दिन भर मातारानी के दर्शन होते हैं वहीं यहां सुबह 4 बजे से सुबह 9 बजे तक यानी केवल 5 घंटे ही माता के दर्शन किए जा सकते हैं।
– इस दिन हजारों की संख्या में भक्त निरई माता के दर्शन के लिए गरियाबंद पहुंचते हैं।