उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रमुख दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर की एक अपनी अलग पहचान है। यहां स्वयंभू भगवान महाकाल विराजते हैं। सिंहस्थ महापर्व में लाखों श्रृद्धालु भगवान श्री महाकाल के दर्शन कर अपने आपको धन्य महसूस कर रहे है। सिंहस्थ महापर्व के प्रथम शाही स्नान के दिन मंदिर प्रबंध समिति को लड्डु प्रसाद एवं चांदी के सिक्कों से 10 लाख 23 हजार 250 रूपये की आय प्राप्त हुई है।
वैशाख मास ग्रीष्म ऋतु के प्रारम्भ होने पर श्री महाकालेश्वर भगवान की शीतलता के लिये गर्भगृह में 11 मिट्टी के कलशों से सतत् जलधारा हेतु गलंतिका बांधी गई है। इस आशय की जानकारी श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की जनसम्पर्क अधिकारी प्रीति चौहान ने दी।