चंडीगढ़। रियो ओलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाने वाली साक्षी मलिक के पिता सुखबीर मलिक ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (डीटीसी) में कंडक्टर की नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया है। वे अब जल्द ही त्यागपत्र दे देंगे। साक्षी ने ने पदक जीतने के बाद पिता को फोन कर के आराम करने की सलाह देते हुए नौकरी छोड़ने को कहा है ।
रोहतक में शुक्रवार को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने सुखबीर मलिक से फोन पर बधाई दी और उन्हें व साक्षी को सम्मानित किए जाने की बात कही। सीएम से बात करने के बाद सुखबीर मलिक ने बताया कि वे अब कंडक्टर की नौकरी से त्यागपत्र देने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अस्थमा की बीमारी है। प्रदूषण में उन्हें परेशानी होती है। सुखबीर ने बताया कि बीमारी की वजह से बेटी साक्षी पहले भी नौकरी से त्यागपत्र देने की बात करती थी, लेकिन उन्होंने नहीं मानी। लेकिन अब मेडल जीतने के बाद साक्षी ने फोन कर कहा कि पापा अब नौकरी नहीं करनी है।
दिल्ली सरकार साक्षी को देगी एक करोड़
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को साक्षी मलिक के परिवार से मुलाकात की।
मनीष सिसोदिया ने साक्षी के मेडल जितने पर बधाई देते हुए उन्होंने साक्षी को एक करोड़ रुपये दिल्ली सरकार की तरफ से देने की बात कही है इसके साथ ही साक्षी के पिता सुखबीर मलिक जोकि डीटीसी में कार्यरत हैं उन्हें प्रोमोशन देने का आश्वासन दिया है।
पहलवान साक्षी मलिक ने महिला रेसलिंग के 58 किलोग्राम फ्री स्टाइल मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल जीता है । ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मुकाबले में उन्होंने किर्गिस्तान की महिला रेसलर एसुलू तिनिवेकोवा को 8-5 से हराया है। साक्षी ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
वो पहली भारतीय महिला रेसलर बन गई हैं जिन्होंने ओलंपिक में कोई मेडल जीता है। इसके अलावा वो भारतीय ओलंपिक इतिहास की चौथी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की है। साक्षी से पहले कर्णम मलेश्वरी, मैरी कॉम और साइना नेहवाल ये कमाल कर चुकी हैं।