न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के एक शोध छात्र ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो किसी भी स्मार्टफोन को एक आईट्रैकिंग डिवाइस में बदल देता है। यह खोज मनोवैज्ञानिक प्रयोग और अनुसंधान में काफी मदद कर सकती है। यह आइट्रैकिंग की मौजूदा तकनीक को और सुलभ बनाने के अलावा न्यूरोलॉजिक बीमारियों और मानसिक रोगों के लक्षण का पता लगाने में भी मदद कर सकती है।
इस सॉफ्टवेयर का विकास करने वाले मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंसेज के ग्रेजुएट छात्र आदित्य खोसला ने बताया कि अब तक इस प्रकार की कोई एप्लीकेशन नहीं थी। चूंकि इस डिवाइस को खरीदने से लोगों को कोई फायदा भी नहीं मिलता, इसलिए हमने ऐसा आईट्रैकर विकसित करने का सोचा जिसे केवल एक मोबाइल डिवाइस से भी चलाया जा सके, जो मोबाइल के आगे के कैमरे के इस्तेमाल से चलाया जाता है।
आईट्रैकर का निर्माण और विकास खोसला और युनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के उसके सहकर्मियों ने किया है। इस तकनीक के तहत कंप्यूटरों को किसी खास पैटर्न के आधार पर काम करना सिखाया जाता है। इसके लिए बार-बार मशीनों को लंबे समय तक प्रशिक्षण दिया जाता है। खोसला का कहना है कि वर्तमान में इस मशीन को 1,500 मोबाइल डिवाइस के पैटर्न का प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पहले जो आईट्रैकर विकसित किया गया था, उसे महज 50 लोगों के आंकड़ों से प्रशिक्षण दिया गया था।
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