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पांच हज़ार साल पुराना ‘हवाई जहाज़’ मिला

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काबुल। अफगानिस्तान जो कभी भारत का हिस्सा था, की दुर्गम पहाड़ी गुफा में हज़ारों साल पुरानी एक फ्लाइंग मशीन (विमान) पाया गया है। सबसे पहले इस अंजान सी चीज़ को अमेरिकी सैनिकों ने देखा और पेंटागन को रिपोर्ट भेजी।

 वेदिक और रामायण काल में हवाई जहाजों (विमानों)का उपयोग किया गया जाता था। ये सभी जानते तो हैं लेकिन मानते नहीं है। ‘कंट्रोवर्शियल फाइल डॉट नेट’ की रिपोर्ट के बाद अब शायद मानने भी लगें।

‘कंट्रोवर्शियल फाइल डॉट नेट’ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि पेंटागन से मिलिटरी साइंटिस्ट, भूगर्भ शास्त्री और इतिहासवेत्ताओं की एक टीम इस स्थान पर गयी और छान-बीन की। उन्हें गुफा के पास से जो चीजें मिलीं उनसे अनुमान लगाया कि ये कम से कम पांच हजार साल पुरानी गुफा है।

उन्हें संस्कृत में कुछ शिलालेख भी मिले जिनसे उन्होंने अनुमान लगाया कि ये भारतीय संस्कृति से संबंधित है और संभवतः महाभारत काल की हैं। महाभारत काल में मयासुर का जिक्र आता है। कहते हैं कि मयासुर के पास रोशनी में अद्श्य हो जाने वाला अभेद्य धातु का विमान शिव ने दिया था। गुफा के भीतर रखी विशालकाय चीज़ को उन्होंने उसी समय का हवाई जहाज़ बताया। इसके बाद ये टीम वापस आ गयी।

गुफा की निगरानी के लिए आठ लोगों की टीम बनायी गयी। इन लोगों ने उस अंजान सी चीज़ के साथ छेड़छाड़ की और लापता हो गये। उनके लापता होने की खबर मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित, डेविड कैमरून, एंजेला मर्केल और निकोलस सरकोजी गुप्त अभियान पर अफगानिस्तान पहुंचे थे।

‘कंट्रोवर्शियल फाइल डॉट नेट’ने कहा है कि ये सभी जानकारी ज्वाइंट फोर्सेस की लीक्ड इंफोर्मेशन से मिली हैं। पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, विमान एक स्ट्रेंज एनर्जी से प्रोटेक्टेड रहता था।

इसलिए जब सैनिकों ने इसे गुफा से निकालने की कोशिश की तो वह इसके ‘टाइम वेल’ समय कूप की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के सक्रिय होने के कारण अचानक गायब हो गए। *टाइम वेल विमान की प्रोटेक्टेड शील्ड है। यह इलेक्ट्रॉन मैग्नेटिक रेडिएशन ग्रैविटी फील्ड जैसा है। *पहली बार इसके बारे में साइंटिस्ट अल्बर्ट आइन्स्टीन ने अपनी यूनिफाइड फील्ड थ्योरी में जिक्र किया था। वर्ल्ड लीडर्स की थी नजर… *विमान का डायमीटर साढ़े पांच मीटर का था और इसमें चार स्ट्रॉन्ग व्हील्स होते थे। *यह आग फेंकने वाली मिसाइलों से लैस था। इसमें एक अन्य डेडली वीपन ‘रिफ्लेक्टर’ का इस्तेमाल होता था। *यह अपने लक्ष्य पर तेज रोशनी फेंककर उस पर हमला करता था।

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