Breaking News
Home / breaking / 30 रुपए के लालच में मार देते हैं कबूतर

30 रुपए के लालच में मार देते हैं कबूतर

 

pigeon
मरे कबूतर खाने से होता है टीबी का इलाज!
उदयपुर। मात्र 30 रूपए के लालच में शांति के प्रतीक कबूतरों को मारकर टीबी मरीजों को बेचने में पुलिस ने दो बाल अपचारियों को डिटेन किया है। मामले में एक बाल अपचारी फरार चल रहा है। आरोपियों के पास से 4 मरे हुए कबूतर बरामद हुए हैं। मामला धानमण्डी थाना क्षेत्र का है। पुलिस सूत्रों के अनुसार भोईवाड़ा क्षेत्र में रविवार तडक़े कुछ युवक छज्जों और तारों पर बैठे कबूतरों को गुलेल से निशाना बनाकर मार रहे थे। इन युवकों द्वारा करीब चार कबूतरों को मार दिया गया और इन सभी को एक थैले में रखने के दौरान क्षेत्र में ही कुछ लोगों ने देखा तो शोर मचा दिया। जिस पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और लोगों को देखकर तीन युवक भागने लगे। लोगों ने पीछा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने में लेकर गए। जहां पर आरोपियों के बैग की तलाशी ली तो आरोपियों के बैग में चार मरे हुए कबूतर मिले। पुलिस जांच में दोनों युवक नाबालिग थे। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो इन बाल अपचारियों ने बताया कि वे इसी तरह से चिकित्सालय परिसर के साथ-साथ शहर के ऐसे स्थान जहां पर कबूतरों का जमावाड़ा होता है वहां पर गुलेल की सहायता से कबूतरों को मारते है और बाद में इन कबूतरों को टीबी पेशेंट को बेच दिया जाता है।

मान्यता है कि मरे हुए कबूतर को खाने से टीबी की बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। इसके लिए आरोपी 30 रुपए एक कबूतर के लेते हैं। ग्राहक नहीं मिलने पर उक्त आरोपी इन कबूतरों को स्वयं ही खा जाते थे। पुलिस ने गोपाल पुत्र नंदलाल साहू निवासी गुन्दिया भैरू की रिपोर्ट पर इन बाल अपचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करते हुए बाल सम्प्रेषण गृह भेज दिया है। मामले में एक युवक फरार चल रहा है। जिसकी तलाश की जा रही है।

Check Also

21 नवम्बर गुरुवार को आपके भाग्य में क्या होगा बदलाव, पढ़ें आज का राशिफल

    मार्गशीर्ष मास, कृष्ण पक्ष, षष्ठी तिथि, वार गुरुवार, सम्वत 2081, हेमंत ऋतु, रवि …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *