झालरापाटन। रोडवेज की झालावाड़ डिपो की बस में आग लग गई। यात्रियों में मची भगदड़। चालक ने गाड़ी रोक कर यात्रियों को बस से उतारा और बस को खड़ा कर दिया। कुछ देर बाद बस में आग बढ़ गई और स्वयं स्टार्ट होकर झालरापाटन सदर थाने की दीवार से जा टकराई। बढ़ा हादसा होने से टला। घटना झालरापाटन भवानीमण्डी मार्ग पर घटी। रविवार को दोपहर 1 बजे झालावाड़ से चौमेहला के लिए राजस्थान रोड़वेज बस नम्बर आर.जे. 17 पी.ए. 371 रवाना हुई। जिसे चालक कालू नाथ एवं परिचालक मानसिंग सोनगरा झालारपाटन पहुंचे। झालरापाटन बस स्टेण्ड से दोपहर 1.45 बजे के लगभग रवाना हुई। कुछ दूरी पर चलने के बाद बस के वायर मेें शॉट सर्किट होने से बस में आग लग गई। इसका पता जब चालक को चला तो उसने तुरन्त झालरापाटन तहसील के पास गाड़ी को रोक दिया और सवारियों को बस से उतार कर खुद भी बस को बन्द कर उतर गया। गाड़ी में आग बढ गई और बस स्वयं स्टार्ट होकर चल दी और करीब 100 से 200 फिट चलकर सदर थाने की दीवार से जा टकराई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया क्योंकि यह रोड़ मेगा हाईवे रोड़ होने से बड़े व छोटे वाहनों की आवाजाही भारी संख्या में रहती है। जिस समय हादसा हुआ उस वक्त वाहनों की आवाजाही भीषण गर्मी की वजह से कम थी। घटना की सूचना पुलिस को मिलते ही झालरापाटन थानाधिकारी हीरालाल सेनी एवं सदर थानाधिकारी मनोज सिकरवार मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे। देखते ही देखते घटना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में वाहन एवं लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने तुरन्त फायर बिग्रेेड गाडी के लिए झालावाड़ फोन किया और अग्नि शमन गाडी घटना के बीस मिनट में पहुंच गई और आग पर काबू पा लियाा। लेकिन आग इतनी तेज थी कि पुरी बस जलकर खाक हो गई। आग की घटना से कोई जनहानी नहीं हुई। रोडवेज बस में आग की सूचना पाकर झालावाड़ रोडवेज के चीफ मेनेजर अब्दुल कलाम भी मौके पर पहुंचे और यात्रिओं को चौमेहला के लिए दूसरी बस से रवाना किया। झालरापाटन में अग्नि शमन गाडी तो है लेकिन उसको चलाने वाला चालक व स्टॉफ नहीं है। अगर झालरापाटन में अग्नि शमन वाहन का चालक व स्टॉफ होता तो बस को जलने से बचाया जा सकता था। झालरापाटन नगर पालिका अध्यक्ष अनिल पोरवाल से इस बारें में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि झालरापाटन नगर पालिका में अग्नि शमन गाड़ी मौजूद है लेकिन उसके चालक व उसका स्टाफ नहीं होने से गाड़ी खड़ी रहती है। कोई भी आग जनी की घटना होने पर झालावाड़ नगर परिषद से अग्नि शमन गाड़ी मंगवाई जाती है। गाडी वहां से आने पर 30 से 45 मिनट लग जाते है। जिससे आग पर काबू पाने मे भारी दिक्कत आती है। पोरवाल ने बताया कि अग्नि शमन चालक व स्टॉफ नियुक्त करने का कार्य राज्य सरकार का है जिसको नगर पालिका बोर्ड अपने स्तर पर नहीं कर सकती।
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