उदयपुर। प्रतापनगर चौराहे से बाईपास भुवाणा की ओर जाने वाली मुख्य सडक़ के बाईं ओर बेशकीमती यूआईटी की जमीन का बेचान करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
प्रतापनगर थानाधिकारी मनजीतसिंह ने बताया कि यूआईटी पटवारी राजेश मेहता ने 24 सितम्बर, 2015 को रिपोर्ट दी कि प्रतापनगर चौराहे से भुवाणा की ओर जाने वाली मुख्य सडक़ के बाईं ओर बेशकीमती जमीन है जो राजस्व रिकॉर्ड में यूआईटी के नाम दर्ज है। उक्त जमीन बेशकीमती होकर यूआईटी की आगामी योजनाओं के लिए प्रस्तावित है। राजकीय विभागों को कार्यालय के आवंटित की गई। राजकीय भूमि का अवैध रूप से क्रय-विक्रय किया जा रहा है।
प्रकाशचंद्र पालीवाल द्वारा विक्रय इकरार भी यूआईटी में पेश किया। जांच से पता लगा कि यूआईटी की बेशकीमती जमीन को सी क्लास प्रतापनगर निवासी ऊंकार पुत्र भेरा गमेती, माणकलाल पुत्र वजेराम गमेती और सोहनलाल पुत्र मोतीलाल गमेती ने 11 अप्रेल, 2005 को प्रकाशचंद्र सरूपरिया को 24 बीघा जमीन चार लाख रुपए में विक्रय कर नोटेरी कराकर विक्रय इकरार में दस लाख रुपए लेना स्वीकार किया।
इस दौरान सोहनलाल गमेती की और खरीददार प्रकाश सरूपरिया की मृत्यु हो गई। प्रतापनगर थानाधिकारी ने बताया कि न्यास की बेशकीमती जमीन का बेचान करने वाले ऊंकार गमेती व माणक गमेती को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां उन्हें जेल भेज दिया।