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मैडम, किसान आखिर कब तक चढ़ेंगे चने के झाड़ पर

 

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चने के बीज की जबरदस्त किल्लत

व्यापारियों की मौज

जिले को अब मिला 6 सौ क्विंटल चने का बीज

 

नामदेव न्यूज़ डॉट कॉम

अजमेर। किसान कहने को भले ही भारत का भाग्य विधाता हो लेकिन खुद उसका भाग्य मुनाफाखोर व्यापारियों के गले में कैद है। विडम्बना यह भी है कि खुद सरकार भी किसानों की किस्मत से खेल रही है। फसल बीमा योजना और समर्थन मूल्य पर जिन्स की खरीद जैसे सब्जबाग दिखाकर केवल वाहवाही लूट रही है। जबकि हकीकत यह है कि किसान पहले भी लालाओं के हाथों की कठपुतली था और आज भी है। ताजा उदाहरण चने के बीज की मारामारी के रूप में देखने को मिल रहा है।

इस बार राजस्थान ने सितम्बर में अच्छी बारिश होने से किसानों को चने की अच्छी पैदावार की उम्मीद बंधी लेकिन मिलीभगत का खेल हो गया। बाजार में बीज महंगा हो गया। व्यापारियों ने बीज की कमी बताकर दाम  बढ़ा दिए।

किसान रोए तो वसुंधरा सरकार ने जीएसएस के मार्फत कंट्रोल रेट पर बीज मुहैया कराने का ऐलान कर वाहवाही लूट ली। मगर मांग के मुताबिक बीज मुहैया नहीं करा सकी।

कांग्रेस ने भी बहती गंगा में हाथ धोने के लिए हल्ला मचाना शुरू कर दिया तो भाजपा सरकार सतर्क हो गई। चारों तरफ से दबाव पड़ने के बाद  सरकार  बीज मुहैया कराने के लिए तैयार हुई है।

खास बात यह है कि अब तक यह बीज सरकारी गोदामों में पड़ा था लेकिन सरकार व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए केवल किसानों से खेल रही थी। आखिरकार दबाव पड़ने पर सरकारी गोदामों से बीज निकलने लगा है।

 

6 सौ क्विंटल बीज आया

अजमे जिले में चने की बुवाई का रकबा बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा की गई विशेष मांग के आधार पर राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बीज निगम के माध्यम से 6 सौ क्विंटल बीज काश्तकारों के लिए उपलब्ध करवाया है। यह बीज अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से काश्तकारों को वितरित किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅ. वी.के.शर्मा ने बताया कि चने के बीजों का वितरण राष्ट्रीय बीज निगम के अधिकृत विक्रेता तथा एसपी खेतीबाडी केन्द्र केकडी, अजयमेरू किसान समृ्द्वि प्रोडयूसर कम्पनी लिमिटेड केकडी, ग्राम सेवा सहकारी समिति नारेली बादंनवाडा, भिनाय, अरांई, क्रय विक्रय सहकारी समिति किशनगढ तथा  नसीराबाद के माध्यम से कृषि पर्यवेक्षकों के द्वारा जारी परमिट के आधार पर कृषकों को वितरित किया जा रहा है। एक कृषक को 30 किलो बीज का एक कट्टा  वितरित किया  जा रहा है।  इससे अधिक से अधिक संख्या में कृषकों को लाभान्वित किया जा सकेगा। किसानों को चने का बीज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत प्रमाणित बीज वितरण कार्यक्रम के तहत अनुदानित दर  100 रूपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। 

 

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग का प्रयास है कि बढी हुई मांग अनुसार बीज संस्थाओं से शेष बीज शीध्रता से आपूर्तित हो। इस के लिए विभाग द्वारा हरसंभंव मदद की जा रही है। चना एक स्व-परागित फसल है। स्व-परागित फसलों में बीज का बदलाव तीन वर्ष में एक बार करने की आवश्यकता होती है। अतः प्रत्येक वर्ष चना फसल का बीज बदलने की आवश्यकता नहीं है, अर्थात जिन किसान भाईयों ने गत वर्ष बुआई हेतु गुणवत्ता युक्त प्रमाणित बीज का उपयोग किया था एवं प्राप्त उपज में से सुरक्षित भण्डारित बीज उपलब्ध है तो उस बीज का स्वयं के स्तर से थाईरम ढाई ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार उपरान्त बुआई हेतु उपयोग में लिया जा सकता है।

 

उन्होंने बताया कि चना रबी की प्रमुख दलहनी फसल है। इस वर्ष मानसून की अच्छी वर्षा, अक्टूबरमाह के प्रथम सप्ताह में होने तथा बाजार में चने के भाव अप्रत्याशित रूप से वृद्वि  होने की वजह से कृषकों द्वारा चने की बुआई अधिक रकबे में की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा चना फसल के अन्तर्गत 1 लाख हैक्टेयर में बुआई होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष जिले में चने की रिकार्ड खेती होने की सम्भावना है। जिले में फसल प्रदर्शन, प्रमाणित बीज वितरण कार्यक्रम के तहत अब तक 6123 क्व्टिल चने का बीज कृषकों को वितरित किया गया । जो वर्ष 2015-16 में वितरित 1754 क्विटंल के अनुपात में तीन गुणा से अधिक है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्रा  के द्वारा लगभग 2500 क्वि. बीज कृषकों को विक्रय किया गया है

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