जयपुर। राजस्थान में नर्सिंग कॉलेजो की मान्यता को लेकर बुधवार को सदन में कांग्रेस और भाजपा सदस्यों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई।
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रश्नकाल के दौरान में सदन में कहा कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मानदंड तय कर रखे हैं। निर्धारित मानदंडो को पूरा करने वाले कॉलेजों का मान्यता दी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में मान्यता के लिए 428 कॉलेजों के आवेदन राजस्थान नर्सिंग काउंसिल को प्राप्त हुए थे। इनमें से 126 कॉलेंजों ने सत्यापन कराने से मना कर दिया, वहीं 121 कॉलेजों ने सत्यापन शुल्क जमा नहीं कराया। शेष कॉलेजों में से निर्धारित मानदंडो को पूरा करने वाले 47 कॉलेजों को मान्यता दी गई है।
कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने सरकार पर आरोप लगाया कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में भ्रष्टाचार हो रहा है। अयोग्य व्यक्ति को राजस्थान नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना रखा है। नर्सिंग कॉलेजों पर एसीबी के छापे पड़ रहे हैं। इस पर पलटवार करते हुए चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सारा भ्रष्टाचार का खेल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुआ है। कॉलेजों को मान्यता देने के लिए आईएनसी के मानदंडो का पालन नहीं किया गया। सारा भ्रष्टाचार आप ने किया और अब हमारे उपर मढ़ रहे हो। हमारे इरादे खराब नही है।
इससे पहले विधायक नारायणसिंह देवल के मूल प्रश्न के जवाब में चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नये नर्सिंग कॉलेज खोले जाने के संबंध में भारतीय नर्सिंग परिषद, नई दिल्ली मानदण्डों का पालना किया जाता है। रानीवाडा में राजकीय अथवा निजी नर्सिंग कॉलेज खोले जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। नये राजकीय नर्सिंग कॉलेज रामगढ व तिजारा (अलवर) एवं जिला चुरू में खोले जाने के प्रस्ताव विचाराधीन है। वर्तमान में प्रदेश में निजी नर्सिंग कॉलेज खोले जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।