झालरापाटन। भगवान द्वारिकाधीश की 42 वीं परिक्रमा यात्रा में श्रृद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस साढ़े तीन कोसीय परिक्रमा का आयोजन दूध की धार के साथ हुआ। इस परिक्रमा में राजस्थान के हाड़ौती अंचल सहित मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र से भी हजारों महिला एवं पुरूषों ने भाग लेकर पुण्य कमाया। परिक्रमा यात्रा के दौरान श्रृद्धालुओं का सैलाब झालरापाटन की सड़कों पर उमड़ पड़ा। जगह-जगह पुष्प वर्षा एवं ढोल की थाप पर नाचते गाते महिलाओं एवं पुरूषों ने द्वारिकाधीश के जयकारों के साथ बिना थके यह पंचकोसी यात्रा पूरी की।
यात्रा में भाग लेने के लिए श्रृद्धालुओं का उत्साह इस कदर था कि सुबह पौ फटने के बाद से ही श्रृद्धालु झालरापाटन पहुंचने शुरू हो गए थे। मंगला आरती के बाद जैसे ही यात्रा शुरू हुई श्रृद्धालु भगवान द्वारिकाधीश के जयकारे लगाते हुऐ ढोल की थाप पर झूमते नजर आए। समूचे परिक्रमा मार्ग पर श्रृद्धालुओं का रैला नजर आ रहा था। श्रृद्धालुओं की भीड़ पूरे मार्ग में इस कदर थी कि पुलिस को परिक्रमा मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को कई घण्टों तक रोकना पड़ा। परिक्रमा यात्रा में महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। महिला, पुरूष व बच्चों ने बिना थके कई किलोमीटर की दूरी भगवान के जयकारे व भजन गाकर पूरे उत्साह से हंसते हुऐ पूरी करली। भगवान द्वारिकाधीश की इस 42 वीं परिक्रमा यात्रा में पदयात्रियों को रास्ते में कोई असुविधा न हो इसके लिए जगह-जगह पानी व भोजन एवं अल्पाहार की व्यवस्था की गई।