जयपुर। प्रदेश में बुधवार को दूसरे दिन भी तेल और दाल मिलों में स्टॉक सीमा तय करने के विरोध में मंडियां बंद रहने से कामकाज पूरी तरह ठप रहा।
मंडी व्यापारी लाइसेंस अनिवार्यता और स्टॉक सीमा समाप्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वे संयुक्त रूप से बैठक करके आगामी रणनीति तय करेंगे। बुधवार को हड़ताल को दूसरा दिन था। इसके बाद हड़ताल आगे बढ़ाने या दूसरा विकल्प तलाशने को लेकर चर्चा होंगी।
नहीं बनी सहमति
व्यापारी और सरकार के बीच मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। सरकार भी स्टॉक लिमिट वापस लेने और लाईसेंस अनिवार्यता में पीछे हटने से तैयार नहीं हैं। ऐसे में व्यापारियों और सरकार के बीच गतिरोध नहीं टूटने से हड़ताल और लंबी खिंचने की आशंका बनी हुई है। इसको देखते हुए खाद्य तेल और दालों के दाम में और तेजी आ सकती है।
थोक व्यापारी सरकार के रुख को देखते हुए अपना निर्णय लेंगे। अभी तक सरकार से बातचीत के बाद किसी भी तरह की सहमति नहीं बनी। व्यापारियों का एक गुट हड़ताल को आगे बढ़ाने के पक्ष में है। व्यापारियों का कहना है कि दाल और खाद्य तेल के दाम उनकी स्टॉक से नहीं बल्कि केन्द्र सरकार की गलती से बढ़े हैं।
हालांकि सरकार का कहना है कि स्टॉक सीमा तय करने से कालाबाजारी थमेगी। ऐसे में दोनों के कड़े रुख का खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ सकता है। दुकानों में दाल और तेल की कमी से दाम बढऩे के आसार हैं।