नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। अजमेर के डीबीएन स्कूल प्रबंधन की तानाशाही कम होने की बजाय और बढ़ती जा रही है। स्टाफ की मनमानी के कारण अभिभावकों को नित नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को एक पीटीआई ने अभिभावकों यह घुड़की दे दी कि ज्यादा परेशान हो तो अपने बच्चों को यहां से निकाल लो।
हुआ यूं कि शनिवार को हाउस एक्टीविटी के नाम पर कुछ बच्चों को हॉल में बैठा रखा था। दोपहर सही साढ़े बाहर बजे छुट्टी की बेल बजने के बावजूद ये बच्चे बाहर नहीं निकले तो अभिभावक परेशान हो उठे। उन्होंने कक्षा कक्षों में देखा तो वे खाली पड़े थे। स्कूल परिसर में इधर-उधर घूमकर बच्चों को ढंूढा। नहीं मिलने पर स्टाफ के सदस्यों से पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। इससे अभिभावक और परेशान हो उठे। इसी बीच किसी ने बताया कि हॉल में कार्यक्रम चल रहा है जहां कुछ बच्चे बैठे हैं। इस पर अभिभावक वहां पहुंचे और नाराजगी जताई। अभिभावकों का कहना था कि अगर एक्टीविटी समय पर खत्म नहीं करनी थी तो नोटिस बोर्ड पर लिख दिया होता, इससे उन्हें बच्चों को ढूंढने में परेशानी हो नहीं होती।
जायजा लेने पहुंचे विनोद कुमार से शिकायत
इसी बीच डीएवी शताब्दी स्कूल के प्राचार्य विनोद कुमार स्कूल का जायजा लेने पहुंच गए। नाराज अभिभावकों ने उनसे शिकायत की। इस पर स्कूल का पीटीआई भड़क गया। उसने अभिभावकों से कह दिया कि आप कोर्ट जाओ या थाने, हमें क्या? अगर ज्यादा परेशान हो तो अपने बच्चों को इस स्कूल से निकाल लो।
गौरतलब है कि पिछले चार महीने से डीबीएन स्कूल प्रबंधन की तानाशाही के कारण अभिभावक परेशान हैं। हिन्दी व अंग्रेजी मीडियम स्कूल को आपस में मर्ज करने और स्कूल भवन बदलने के कारण बच्चो की पढ़ाई बाधित हो रही है। अभिभावकों, एनएसयूआई व युवक कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया तो प्राचार्य सुशांत सिंह ने बच्चों को स्कूल से रेस्टीकेट करने की धमकी दे दी थी। नाराज अभिभावकों व आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने एएसपी अवनीश कुमार को शिकायत देकर प्रिंसीपल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद अभिभावकों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को भी शिकायत देकर स्कूल प्रबंधन की तानाशाही पर रोक लगाने की मांग की। इसके बाद अभिभावकों ने स्थाई लोक अदालत की शरण ली, जहां मामला विचाराधीन है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। भारी फीस वसूली के बावजूद स्कूल में बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं जुटाई गई है। भीषण गर्मी में बच्चे पंखे की पर्याप्त हवा नहीं मिलने से पसीने से तरबतर रहते हैं। परिसर में जगह-जगह फर्शी उखड़ी हुई है जिनकी ठोकर से आए दिन बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं। नाराज अभिभावकों ने अगले सत्र से अपने बच्चों को इस स्कूल से निकालने का निर्णय किया है।
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