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जयपुर की सरकारी हिंगोनिया गोशाला में फिर गायों की मौत

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जयपुर। हिंगोनिया गोशाला में गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गोशाला में 52 गोवंशों की मौत हो गई। ये देखकर भी प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा। 15 दिन पहले जो प्रशासन ने व्यवस्थाएं वहां की थी, वह सब फेल साबित हो रही है। ऐसे में एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया।
कांग्रेस के प्रवक्ता प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार गायों रक्षा व पालन-पोषण के नाम पर लोगों से स्टांप ड्यूटी पर पैसा तो वसूल रही है, लेकिन उसे गायों पर खर्च नहीं किया जा रहा। यही कारण ही गोशाला में पर्याप्त सुविधा के अभाव में हर रोज गायें मर रही है।

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गायों की मौत क्यों हो रही है, इसको लेकर नगर निगम को कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति जवाब देने को तैयार नहीं है। महापौर, आयुक्त, उपायुक्त, प्रभारी तमाम अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। महापौर निर्मल नाहटा भी केवल फौरी रूप से गोशाला का दौरा करके आ रहे है, लेकिन मौके पर उन्हें न तो अधिकारी-कर्मचारी मिल रहे और न ही वे व्यवस्थाएं सुधारने पर कोई सार्थक कदम उठा पा रहे है।
गायों के नाम पर अपना खजाना भर रही है सरकार

खाचरियावास ने कहा कि हिंगोनिया गोशाला में रोजाना 50 से ज्यादा गायों की मौत हो रही है। राजस्थान की भाजपा सरकार गायों के नाम पर टैक्स लेकर अपना खजाना भर रही है। सरकार प्रदेश में सभी स्टांप ड्यूटी पर 10 प्रतिशत से ज्यादा गायों के नाम पर टैक्स ले रही है। पिछले आठ महीनों में प्रदेश की जनता से 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स वसूल लिया। फिर भी सरकार के मंत्री बयान देकर पैसों और संसाधन का रोना रोकर जिम्मेदारी से बच रहे है।
बिगडऩे लगी व्यवस्थाएं: गोशाला सूत्रों की माने तो गोशाला पर मीडियाबाजी बंद होने के बाद से प्रशासन भी सुस्त पड़ गए। इस कारण गोशाला पर ध्यान देना भी बंद कर दिया। इस कारण गायों को समय पर चारा-पानी नहीं मिल रहा। बाड़ों में सफाई भी समय पर नहीं हो रही। बारिश के कारण गोबर-मिट्टïी दलदल के रूप में तब्दील हो रही है।

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