जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में खून की दलाली में डॉक्टर्स का नाम उजागर होने पर रेजीडेंट डॉक्टर्स में आक्रोश है। रेजीडेंट डॉक्टर्स ने उन पर आरोप लगे सभी आरोपों का खण्डन किया है। साथ ही इस पूरे मामले में शामिल एनजीओ पर कार्रवाई की मांग भी की है। उधर, चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी सात दिन में जांच रिपोर्ट देगी।
दो दिन पहले एसएमएस अस्पताल में ब्लड बैंक एक एनजीओ व पुलिस कांस्टेबल मरीज के परिजन ने स्टिंग ऑपरेशन कर खून की खरीद-फरोख्त के मामले में दो आरोपियों को पकड़कर पुलिस को सौंपा था। उनका आरोप है कि खून के इस गोरखधंधे में कुछ डॉक्टर्स भी सक्रिय हैं। मामला उजागर होने के बाद जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स के महासचिव डॉ.महेन्द्र टांक ने एनजीओ पर कार्रवाई की मांग की है।
रेजीडेंट डॉक्टर अस्पताल प्रशासन से मिले और उनके समक्ष अपनी मांग रखी। रेजीडेंट डॉक्टर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और सुप्रीडेंटेंट से मिलकर इस मामले में एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। उनका कहना है कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो डॉक्टर कार्य बहिष्कार पर मजबूर हो सकते हैं।
डॉ. टांक ने बताया कि इस मामले में हम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से मिलेंगे। एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। यदि उसके बावजूद कॉलेज व अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया तो रेजीडेंट डॉक्टर आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं।