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खुली लूट के बावजूद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 42 करोड़ रुपए का ‘घाटा’

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 प्रबन्ध मण्डल की बैठक
अजमेर। भारी भरकम परीक्षा शुल्क के नाम पर राज्य के गरीब विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की जमकर जेब काटने के बावजूद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को करोड़ों रुपए का ‘घाटा’ हुआ है। बोर्ड के प्रबन्ध मण्डल ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 195 करोड़ 70 लाख रुपए के बजट को स्वीकृति प्रदान की। इस बजट में 42 करोड़ 46 लाख रुपये का घाटा दर्शाया गया है। बजट में परीक्षा शुल्क से चालू वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित आय 106 करोड 54 लाख रूपये दर्शायी गयी है। बोर्ड ने शैक्षिक विकास विद्यार्थियों के उन्नयन, कार्य गोष्ठियों, छात्रवृत्ति व पदक वितरण, अध्यापकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम मद में इस बजट में 323 लाख रुपये का प्रावधान किया है। बजट में जिला स्तर पर विद्यार्थी सेवा केन्द्र खोलने के लिए भी प्रावधान किया गया है।
बजट प्रस्तुत करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. चौधरी ने कहा कि बोर्ड की कार्य प्रणाली जन आकांक्षाआें के अनुरूप है एवं उसे सतत् रूप से इनके स्तर को बनाए रखना एवं और अधिक ऊँचाईयों पर ले जाने के लिए पुरजोर निरन्तर प्रयास करने पड़ते है। अत: इसके लिए आपातकालीन वित्तीय प्रबन्धन की व्यवस्था भी बोर्ड को करनी पड़ती है। इसलिए परम्परागत रूप से अनुसरणित वित्तीय प्रबन्धन को नयी दिशा देने का भी प्रयास किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा पिछले वर्षों में किये गये नवाचारों के कारण खर्चों में वृद्घि हुई है लेकिन महत्वपूर्ण है कि इन नवाचारों के कारण अन्य क्षेत्रों में परम्परागत व्यवस्था में किये जाने वाला व्यय कम हुआ है। इन नवाचारों की सराहना सर्वत्र हुई है। ‘माध्यमिक शिक्षा बोर्ड न लाभ न हानि’ के सिद्धान्त पर काम कर रहा है।
बोर्ड देगा टॉपर को स्वर्ण पदक

बोर्ड प्रबन्ध मण्डल ने विद्यार्थियों के हित में एक निर्णय लेते हुए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राजस्थान आेपन स्कूल बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए राजस्थान बोर्ड की परीक्षाआें में प्रविष्ठ होने के लिए आवश्यक पात्रता प्रमाण पत्र, जारी करने की व्यवस्था को पूर्णत: ऑनलाईन कर दिया। अब परीक्षा के लिए आवेदन करने के दौरान ही परीक्षार्थी को इन बोर्डों में प्रविष्ठ परीक्षा का रोल नम्बर व वर्ष देना होगा जिसे राजस्थान बोर्ड इन दोनों बोर्डाें की वेबसाइट से ऑनलाईन विद्यार्थी की पात्रता की जाँच करेगा। परन्तु परीक्षार्थी को पात्रता प्रमाण पत्र के लिए बोर्ड द्वारा पूर्व में निर्धारित शुल्क परीक्षा शुल्क के साथ जमा कराना होगा। प्रबन्ध मण्डल के इस निर्णय से बोर्ड कार्यालय में प्रदेश के दूर-दराज से आने वाले हजारों विद्यार्थियों को भारी राहत मिलेगी और बोर्ड कार्यालय आने में होने वाले आर्थिक व्यय और समय की बचत भी होगी। बोर्ड वर्ष 2016 की परीक्षाआें में कक्षावार और संकायवार सैद्धान्तिक परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थी को भी बोर्ड स्वर्ण पदक से सम्मानित करेगा। बोर्ड की पिछले 10 वर्षों से लम्बित ऑडिट को गत कुछ माह में त्वरित गति से निपटाने के लिए बोर्ड प्रशासन की सराहन की। प्रो$ ललित गुप्ता ने प्रस्ताव रखा कि वर्तमान बोर्ड प्रशासन द्वारा वित्तीय विशेषज्ञों की सहायता से वित्तीय वर्ष 2007 से 2010 तक के लेखों की ऑडिट कार्य को त्तपरता पूर्ण कराने के लिए आभार व्यक्त किया जाये।
बस दुर्घटना में मौत के शिकार अध्यापक के आश्रितों को दिए 2 लाख रुपए

वर्ष 2016 की परीक्षाआें में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुरारा, सीकर के वरिष्ठ अध्यापक रतन कुमार मीणा की उत्तरपुस्तिकायें जमा कराने जाते समय रास्ते मे ंबस दुर्घटना से आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर प्रबन्ध मण्डल ने संवेदना व्यक्त करते हुए दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया। बोर्ड कार्मिकों के विभिन्न स्वीकृत पदों का वर्गीकरण वर्तमान, कार्यभार, आवश्यकता, औचित्यता व उचित पिरीमीड बनाये जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया। साथ रिक्त पदों की भर्ती अधीनस्थ भर्ती बोर्ड अथवा राजस्थान लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया गया है। बोर्ड से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिक अपनी स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति उपरान्त मिलने वाले परिलाभों की राशि अपने जी$पी.एफ$ खाते में जमा रखने के विकल्प को भी स्वीकार किया गया है।

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