अजमेर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे द्वारा राजस्थान के आम बजट में प्रावधान किए जाने के बाद जिला प्रशासन ने अजमेर के शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में पड़ी दुर्लभ फिल्मों के संरक्षण एवं इस भवन के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में फिल्मों के दुर्लभ खजाने को हैरीटेज फिल्म म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। फिल्मों को डिजीटल रूप देकर इन्हें पर्यटन विकास और राजस्व अर्जन की दृष्टि से भी तैयार किया जाएगा। म्यूजियम के संचालन एवं इसके विकास के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय सोसायटी गठित की जाएगी। म्यूजियम तैयार करने के लिए शीघ्र ही कंसलटेंट नियुक्त कर डीपीआर तैयार करायी जाएगी। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जयपुर रोड पर बस स्टैण्ड के सामने स्थित शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में दुर्लभ फिल्मों के संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने फिल्मों के रखरखाव के स्थान को देखा एवं यहां नियुक्त कर्मचारियों से रील एवं फिल्मों के संरक्षण के बारे में जानकारी ली, जर्जर भवन का अवलोकन किया एवं संरक्षण से जुड़े विभिन्न उपायों पर चर्चा की।
जिला कलक्टर ने दुर्लभ फिल्मों के खजाने में से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत चीन युद्घ से संबंधित फिल्मों को निकलवाया एवं उन्हें प्रोजेक्टर के जरीए देखा। श्री गोयल ने कहा कि यह तो खजाना है और इसका संरक्षण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। फिल्म संरक्षण एवं विकास के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। जिला कलक्टर गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे इस फिल्म लाईबे्ररी के संरक्षण एवं विकास के लिए कृतसंकल्प हैं। उन्होंने बजट में लाईब्रेरी के विकास के लिए दो करोड़ रूपये का प्रावधान भी किया है। इसके लिए और भी राशि की जरूरत पड़ी तो इसे तैयार करवाया जाएगा।
आधुनिकीकरण भी होगा
जिला कलक्टर गोयल ने बताया कि फिल्म लाईबे्ररी को हैरीटेज फिल्म म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी दुर्लभ फिल्मों को डिजिटल रूप में भी संरक्षित किया जाएगा। इन्हें थियेटर में दिखाने के साथ-साथ म्यूजियम में भी विभिन्न कियोस्क पर देखा जा सकेगा। उनका एप भी तैयार कराया जाएगा साथ ही यू-ट्यूब पर भी इनका प्रचार-प्रसार होगा।
नया भवन एवं दो थियेटर बनेंगे
संस्थान का भवन काफी पुराना एवं जर्जर हो चुका है, इसे गिराकर नया भवन तैयार कराया जाएगा। नये भवन में दो थियेटर बनेगे। एक थियेटर में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके फिल्में दिखायी जाएगी जबकि दूसरा थियेटर पुराने अंदाज का परम्परागत थियेटर होगा जहां एयर कंडिशनर एवं आधुनिक सीटें तो लगी होगी लेकिन फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से ही दिखायी जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही कंसलटेंट नियुक्त कर डीपीआर तैयार करायी जाएगी।
सोसायटी करेगी म्यूजियम का संचालन
जिला कलक्टर गोयल ने बताया कि हैरीटेज फिल्म म्यूजियम का संचालन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित एक सोसायटी करेंगी। यह सोसायटी नियमानुसार म्यूजियम का संचालन एवं उसका रखरखाव सुनिश्चित करेगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि म्यूजियम को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका नया भवन इस तरह डिजाईन किया जाएगा कि उसमें थियेटर के साथ ही कैफेटरिया, पार्किग एवं अन्य सुविधाएं होंगी। यहां पर्यटकों से शुल्क लिया जाएगा । साथ ही विद्यार्थियों को निशुल्क या नाममात्रा के शुल्क पर म्यूजियम दिखाया जाएगा। यहां आने वाले आगन्तुक कम्प्यूटर पर या थियेटर में मनचाही दुर्लभ फिल्में देख सकेंगे। म्यूजियम को इस तरह विकसित किया जाएगा कि अपना खर्चा यह खुद निकाल सके। साथ ही इन फिल्मों व म्यूजियम का कॉपीराईट भी लिया जाएगा।