नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर/जयपुर। राजधानी जयपुर की सरकारी हिंगोनिया गौशाला में हजारों गायों की अकाल मौत का कलंक झेल रही वसुंधरा सरकार ने इस ‘पाप’ को पुण्य में बदलने के लिए नई योजना लॉन्च की है। अब प्रदेश में देशी गौवंश के संरक्षण, संवर्द्धन व नस्ल सुधार के लिए कामधेनू वेंचर कैपीटल स्कीम शुरू की जाएगी। इस योजना से देशी गौवंश की उच्च संततियों का बचाव और नस्ल सुधार होगा। साथ ही दुग्ध और पंच गव्य उत्पादन वृद्धि पर जोर दिया जाएगा।
गोपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि राजस्थान स्टाम्प अधिनियम के तहत संग्रहित अधिभार से प्रदेश की गोशालाओं का कायाकल्प किया जाएगा। इस अधिभार राशि का उपयोग राज्य की पंजीकृत गोशालाओं, नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं द्वारा संचालित गो पुर्नवास केन्द्रों तथा कांजी हाउसों के विकास पर भी होगा। उन्होंने बताया कि गोशालाओं के सर्वांगीण विकास के लिए गोशाला विकास योजना संचालित की जाएगी। असहाय और वध से बचाए गए गौवंश का पालन पोषण भी इस योजना के तहत किया जाएगा। इस योजना के तहत गोशालाओं में आधारभूत ढांचों का निर्माण किया जाएगा, ताकि गौवंश के लिए आवास, छाया और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो सके। उन्होंने बताया कि गोशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट इकाईयां निर्मित की जाएंगी और बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन गोषालाओं के लिए चिलिंग मिल्क वाहन और स्वचालित दुग्ध मशीनों की खरीद की जाएगी। गोशाला विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला गोपालन समितियों और उपखंड स्तरीय गोपालन समितियों का गठन किया जाएगा। गोरसंरक्षा एवं संवर्द्धन निधि के संचालन के लिए नियम बनाए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है राज्य सरकार ने बजट में गायों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए स्टाम्प अधिनियम में अधिभार लगाने की घोषणा की थी। इस अधिभार से संग्रहित शुल्क से गोशालाएं को आत्मनिर्भर और स्वालंबी बनाने के प्रयास किए जाएंगे। प्रथम चरण में इस राशि से प्रदेश की लगभग 200 गोशालाओं में आधारभूत ढांचों का निर्माण करवाया जाएगा।
उल्लेखनीय यह भी है जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला में विगत कुछ समय से कुप्रबंधन के चलते हजारों गायों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर वसुंधरा सरकार आरएसएस, कांग्रेस और आमजन के निशाने पर है।
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