इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामनगर इलाहाबाद में तैनात चिकित्साधिकारी डा.एस.सी.द्विवेदी द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस किये जाने पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने पूछा है कि किस प्रकार से एक डाक्टर पिछले तेरह वर्षाें से एक ही स्थान पर तैनात है और प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहा है। मनदीप शुक्ला और अन्य की याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति डी.बी.भोसले और न्यायमूर्ति यशंवत वर्मा की पीठ ने यह आदेश दिया।
याची के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी के अनुसार सीएचसी रामनगर में पिछले तेरह वर्षाें से डाक्टर एस.सी.द्विवेदी की तैनाती है। वह सीएचसी में बैठने के बजाए नजदीकी अपने नर्सिंग होम में बैठते है और प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। तमाम मरीजों का गलत इलाज भी किया जाता है।
सीएचसी में सुविधाओं का अभाव है। याची ने डाक्टर के खिलाफ उच्च अधिकारियों से शिकायत की है, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएचसी में इलाज नहीं होने से आम ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। गंभीर रोगियों को इलाज के लिए शहर आना पड़ता है और ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। कोर्ट ने इस पर दो दिसम्बर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।