शिमला। हिमाचल में प्रचण्ड गर्मी के चलते विभिन्न जिलों में आगजनी की घटनाओं में बेतहाशा वृद्वि हुई है। कहीं रिहायशी मकान तो कहीं जंगल धधक रहे हैं। विगत एक माह में आगजनी के सैंकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। हमीरपुर, बिलासपुर, सिरमौर, शिमला और सोलन जिलों के जंगलों में आग लगने की घटनाएं एकाएक बढ गई हैं।
हालांकि संबन्धित विभाग जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद तथा प्रयासरत है लेकिन कुछ स्थानों पर असुविधाओं के चलते विभाग को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं जिस कारण से उन क्षेत्रों में आग की हो रही घटनाओं पर काबू पाने में विभाग असमर्थ लग रहा है।
वन महकमे से प्राप्त जानकारी के अनुसार फायर सीजन के तहत अब तक लगभग 2500 हैक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। जहां वन सम्पदा तो तबाह हुई ही है साथ में सैकड़ों जंगली जीव जंतु भी मौत का ग्रास बन चुके हैं।
इस बारे प्रधान मुख्य अरण्यपाल एस.पी. वासुदेवा ने बताया कि अभी तक जंगलों में आग लगने की 320 घटनाएं हो चुकी हैं तथा लगभग 25 सौ हैक्टेयर क्षेत्र में लगी इस आग से करीब 25 लाख रूपए का नुकसान हुआ है।
वासुदेव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुल 37 हज़ार वर्ग किलोमीटर के करीब वन क्षेत्र है जिसमें 15 हज़ार 3 सौ 80 वर्ग किलोमीटर से अधिक पर पेड़-पौधे लगे हैं।
उन्होंने बताया कि गर्मियों के मौसम में इस क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं हर वर्ष सामने आती हैं तथा आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए विभाग ने कई एहतियाती उपाय किए हैं।
इस बीच उतराखण्ड से सटे सिरमौर जिले के कई जंगलों में भीष्ण आग से सैंकड़ों हैक्टेयर भूमि पर लगे पेड़-पौधों को भारी क्षति पहुंची है। आग से क्षेत्र के कई गांवों के लोग दहशत में हैं। अकेले सिरमौर जिले में तीन दर्जन से अधिक आगजनी में मामले सामने आ चुके हैं।
आग के तांडव से सीमावर्ती क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं। जिले के छछेली, मालगी, खारा, माजरा, गिरीनगर, गातू ब हरीपुर के जंगलों में आगजनी से वन क्षेत्र में क्षमि पहुंची है। पिछले तीन दिनों से वन क्षेत्र सुलग रहा है।