मुंबई। बांबे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने से पहले हाजी अली दरगाह प्रबंधन इस मामले में विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। बांबे हाई कोर्ट ने हाजी अली मजार क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी को हटा दिया था। हालांकि बांबे हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए अपने ही फैसले पर अमल करने के लिए छह सप्ताह तक की रोक लगा दी है।
हाजी अली दरगाह के न्यासी सोहैल खांडवानी ने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनजर इस मुद्दे पर हमने विस्तार से चर्चा करके प्रबंधन के हर एक सदस्य की राय मांगी है। सदस्यों की राय आने के साथ ही हम अन्य पक्षकारों के विचार जानने के लिए बैठक करके निर्णय लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में जाने के बारे में विचार करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी शुक्रवार को धार्मिक विद्वानों के साथ बैठक करके मुंबई तथा दिल्ली स्थित परिषदों से भी परामर्श लिया जाएगा । उन्होंने बताया कि भारतीय और इस्लामिक वास्तुकारी का अद्भुत नमूना हाजी अली दरगाह दरअसल सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार है। यहां महिलाओं को साल 2012 तक मजार तक जाने की इजाजत थी, लेकिन बाद में धार्मिक परंपराओं के नाम पर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई।