नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक अशोक सिंहल की पार्थिव देह बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। निगम बोध घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झण्डेवालान स्थित कार्यालय से उनकी अन्तिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान रानी झांसी रोड, फिल्मीस्तान, तीस हजारी व अन्तर्राष्ट्रीय बस अड्डा होकर जानेवाले मार्ग पर दोनों ओर हजारों की संख्या में जनसमुदाय अपने लोकप्रिय नेता के अन्तिम दर्शनों के लिए उमड़ा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि ‘स्वर्गीय अशोक जी ने हिन्दू समाज के लिए दिशा दर्शन ही नहीं अपितु प्रशस्त्र मार्ग निर्माण किया है। उनके जीवन की शुद्धता, विचारों की प्रतिबद्धता, हिन्दू समाज के प्रति समर्पण और जीवनभर की सक्रियता, हम सबके लिये जीवन का सन्देश है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि अशोक जी की कर्तव्यनिष्ठा और हिन्दू समाज के प्रति उनका समर्पण सदैव याद रहेगा।
विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी ने अशोक सिंहल के निधन को एक युग का अंत बताया। विहिप के कार्याध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने कहा कि हिन्दू हृदय सम्राट, राम मंदिर आन्दोलन के महानायक तथा हिन्दू अस्मिता के प्रहरी अशोक ने भव्य राम मंदिर के दर्शन के बिना ही शरीर छोड़ दिया। संसद में कानून बना कर भव्य राम मंदिर का निर्माण ही अशोक सिंघल के स्वप्न को पूर्ण करेगा। विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेशचन्द्र ने कहा कि अशोक जी की जहां गौ, गंगा व संत समाज में गहरी आस्था थी वहीं वे समाज के निम्नतम स्तर को उचित दर्जा दिलाने के लिए जीवन भर जुटे रहे।
संघ कार्यालय में कल रात्रि 11 बजे से आज दोपहर 2 बजे तक सिंहल के अंतिम दर्शनार्थ जनसमुदाय उमड़ा। उनके अंतिम दर्शन करनेवालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, साध्वी उमा भारती व धर्मेन्द्र प्रधान, जनरल वी.के. सिंह, मनोज सिन्हा, स्मृति ईरानी, कलराज मिश्र, साध्वी निरंजन ज्योति, मनोहर पार्रिकर, पद नाईक, प्रकाश जावेडकर, कृष्णपाल गुर्जर, राज्यवर्धन जैसे अनेक मंत्री और अन्य नामचीन लोग थे।
नेपाल और भूटान के राजदूत दीपकुमार उपाध्याय तथा वी.एम.नामजीन के साथ अनेक राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ साध्वी ऋतम्भरा, डा. सुब्रह्मयम् स्वामी, सांसद साक्षी महाराज व लल्लू सिंह सहित अनेक धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक व राजनीतिक संस्थाओं के प्रमुख लोगों ने भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मंगलवार को सिंहल का गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए पहले विहिप के आरके पुरम कार्यालय लाया गया था। यहां से उन्हें संघ कार्यालय ले जाया गया।
अंतिम दर्शन करने पहुंचे मोदी
सिंहल के अंतिम दर्शन करने प्रधानमंत्री मोदी और कई केन्द्रीय मंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झंडेवालान स्थित कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक डायरी में अपना शोक संदेश भी लिखा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंहल का अंतिम दर्शन के बाद शोक पुस्तिका में लिखा कि उनका नाम अशोक है फिर भी आज वह सबको शोक ग्रस्त कर गए।