नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हो रही किरकिरी पर मंगलवार को कांग्रेस के सभी नेता एक साथ आलाकमान के बचाव में उतर आए हैं। कांग्रेस के नेताओं ने तीन मूर्ति रोड से लेकर सात रेस कोर्स तक मार्च किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये राजनीतिक बदला है। केंद्र सरकार उन्हें इसी तरह सवाल पूछने से रोकती है लेकिन वह चुप नहीं बैठेंगे। वह सवाल पूछते रहेंगे और केंद्र सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे।
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजग गंदी राजनीति कर रही है और अपने फायदे के लिए सत्ता का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार उन्हें कानून से ऊपर मानती है और कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती।
इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के एक और नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मामले में केंद्र और भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में आने के बाद से देश में दो तरह के कानून लागू कर रही हैं। एक कानून मंत्री, मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सहयोगियों के लिए है और दूसरा कानून कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और देश की विपक्षी पार्टियों के लिए। आजाद ने दावा किया कि केंद्र विपक्ष को खत्म करने की तानाशाही कर रही है और इससे लोकतंत्र समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध की आजादी है पर केंद्र उस पर भी रोक लगाना चाहती है।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी पर तीखा हमला किया और कहा कि भाजपा ने सुब्रमण्यम स्वामी का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी और उनके केंद्रीय समिति के सदस्यों पर मुकदमा चलाने और उनको सताने के लिए करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले एक साल से कांग्रेस को निशाना बनाती रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का सपना कांग्रेस मुक्त भारत, कभी साकर नहीं होगा। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसको भाजपा कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती।