मुंबई। अहमदनगर के देव स्थान शनि शिंगणापुर में चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश संबंधी विवाद को लेकर जिला अधिकारी कार्यालय मेें बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में कोई भी निर्णय नहीं हो पाया। सरकारी अमला, मंदिर प्रबंधन और महिलाओं के हक को लेकर आंदोलन कर रही भूमाता ब्रिगेड के सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश का निर्णय अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस पर छोड़ दिया जाए।
शनि शिंगणापुर में चबूतरे पर प्रवेश को लेकर उस वक्त विवाद शुरू हुआ था, जब एक महिला ने बीते 28 नवंबर को चबूतरे पर चढक़र शनि देव को तेल चढ़ा दिया था। इससे मंदिर प्रबंधन आवक रह गया और उसने महिला की इस हरकत का कड़ा विरोध करते हुए मंदिर का शुद्घिकरण कराया। यहीं से महिलाओं को पूजा का हक देने की जंग शुरू हुई। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि पिछले 400 साल से महिलाओं के पूजा करने की परम्परा नहीं है। इसके बाद भूमाता ब्रिगेड के बैनर तले करीब 400 महिलाओं ने 26 जनवरी को पूजा के हक की मांग करते हुए पूजा करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। मुख्यमंत्री जब पुणे के दौरे पर पहुंचे तो वहां भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने उनसे मुलाकात की। तब मुख्यमंत्री ने उन्हेें भरोसा दिलाया कि वे मंदिर प्रबंधन से बातचीत कर विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे। विवाद को सुलझाने के लिए शनिवार को अहमदनगर के कलेक्टर ने सभी पक्षों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें कोई आम सहमति नहीं बन पाई और इस बारे में फैसला लेने का अधिकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस पर छोड़ दिया गया। बैठक में मौजूद तृप्ति देसाई ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री महिलाओं के समर्थन मेें सकारात्मक निर्णय लेंगे।