सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल जारी
नई दिल्ली। सर्राफा कारोबारी आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने के बाद से अनिश्चित समय के लिए पिछले चौदह दिन से हड़ताल पर हैं। सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि जब तक सरकार प्रस्ताव वापस नहीं लेगी, जौहरी हड़ताल पर रहेंगे। उधर केंद्र सरकार का कहना है कि आभूषण विनिर्माताओं पर लगाया गया एक प्रतिशत का उत्पाद शुल्क आसानी से भरा जा सकता है और सरकार लगाए गए उत्पाद शुल्क को वापस नहीं लेगी।
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के मुख्य आयुक्त जे.एम. केनेडी के अनुसार, सर्राफा कारोबार एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को ऑनलाइन भर सकते हैं और इसके लिए वह दो दिन में ही पंजीकरण भी पा सकते हैं। यह काफी सामान्य प्रक्रिया है। यह उत्पाद शुल्क उन आभूषण विनिर्माताओं पर लागेगा जिनका कुल कारोबार गत वर्ष में 12 करोड़ रुपए से अधिक रहा है। ऐसे कारोबारी जिनका कारोबार 12 करोड़ रुपए से कम है उन्हें आगामी वित्त वर्ष में छह करोड़ रुपए तक छूट मिलेगा। ऐसे छोटे आभूषण कारोबारी मार्च 2016 के लिए 50 लाख रुपए तक की छूट पाने के अधिकारी होंगे।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने सामान्य चांदी के आभूषणों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के सोने-चांदी के आभूषणों पर लगाए गए एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क को वापस लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह सोने के कारोबार को वस्तु एवं सेवाकर कर (जीएसटी) के साथ जोड़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
जानकारी हो कि 29 फरवरी को आम बजट में सोने और चांदी के हीरा एवं अन्य रत्न जड़ित आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाए जाने के बाद से ही देशभर के सर्राफा कारोबारियों ने काम बंद कर दिया और दो मार्च से उनकी हड़ताल देशव्यापी हड़ताल में शुरू हो गई। सर्राफा कारोबारी दो लाख रुपए से अधिक की खरीद फरोख्त पर पैन नंबर का उल्लेख अनिवार्य रूप से किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं।
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