कुशीनगर। कुशीनगर की न्यू इंडिया शुगर मिल की चिमनी से निकल रही राख से सैकड़ों घरों के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। स्थानीय लोगों को 24 घंटा बिजली व रोजगार व नौकरी का प्रलोभन देकर लगाई गई चीनी मिल, लोगों को कुछ मयस्सर तो नही करा पाई उल्टे राख व गंदे पानी से लोगों का जीना मुहाल किए हुए है।
चीनी मिल के दूषित पानी व इथेनाल से क्षेत्र में सैकड़ों लघु किसानों की फसल बर्बाद हो रही है सो अलग। जमीन की उर्वरा शक्ति कम होने से खेतों के बंजर हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। चीनी मिल की परिधि में आने वाले कई तालाबों की मछलियां मर रही है, लोग भी राख व धुंए के कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे है।
समस्या से चीनी मिल के आठ किमी की परिधि में रहने वाले दर्जनों गांवो के लोगों समेत हाटा उपनगर के निवासी भी परेशान है। पर चीनी मिल प्रबंधन के कानों पर जूं नही रेंग रही। यह भी नही है कि समस्या नई ताजा है, लोग बताते है कि चीनी मिल की स्थापना के समय से ही समस्या है। पर मिल का प्रबंधन समस्या हल करने में रूचि नही दिखाता। मिल की राख उड़कर लोगों के घरों में गिरती है, जिससे लोग छतों पर रहना तो दूर कपड़े तक नही सुखा पा रहे। आंख में राख पड़ने से आंख में जलन व आंख का लाल होने की समस्या आम होती जा रही है।
चिकित्सक डा0 आर डी सिंह ने बताया कि राख खतरनाक है, इससे लोगों में आंख व श्वास सबंधी रोग, ब्लड प्रवाह में दिक्कत और अंधेपन का भी खतरा है। डीएम लोकेश एम ने बताया कि प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।