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शुक्र है वाजपेयी जी की याददाश्त कमजोर हो गई!

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नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। भारतीय जनता पार्टी के विराट व्यक्तित्व अटल बिहारी वाजपेयी की याददाश्त कमजोर हो चली है, यह अच्छा भी है। क्योंकि अगर उनकी दिमागी स्थिति दुरुस्त होती तो वे यह सब सहन नहीं कर पाते और उन्हें दिली चोट पहुंचती। दरअसल अजमेर के भाजपाइयों ने उनके साथ बर्ताव ही ऐसा किया है। शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री एवं देश के जाने-माने नेता अटलजी ने यहां चल रहे गरीब नवाज के उर्स में चादर भेजी। उनके सहयोगी पारीक यह चादर पेश करने आए।

आने से पहले उन्होंने अजमेर के धुरंधर भाजपाइयों को इत्तला भिजवा दी मगर जब चादर पेश करने का मौका आया तो एक भी नेता उनके साथ मौजूद नहीं था। न तो शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी थे और ना ही महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल। एक भी बड़ा नेता नहीं था। अटलजी हर साल दरगाह में चादर भिजवाते हैं। उनकी तबीयत बेहद नाजुक होने के बावजूद वे इस बार भी चादर भिजवाना नहीं भूले मगर उन्हें यहां के भाजपाई भूल गए।

सही बात है, सत्ता के पुजारियों का अब अटलजी से क्या वास्ता? जब अटलजी प्रधानमंत्री थे और उनकी ओर से चादर आती थी तो अजमेर के साथ ही जयपुर से भी भाजपाई दौड़े चले आते थे। चादर के साथ फोटो खिंचवाने के लिए धक्का-मुक्की की नौबत आती थी। अब वाजपेयी खुद अतीत हो गए तो उनके प्रति भाजपाइयों की श्रद्धा भी अतीत हो गई। पारीक ने वापस जाकर अटलजी को निश्चय ही यह बात नहीं बताई होगी, यह सोचकर कि अपनों का दिया जख्म वे सहन कर पाएंगे या नहीं।
आज दिखाएंगे भक्ति
अजमेर में गरीब नवाज की दरगाह में रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई जानी है। मुख्तार अब्बास नकवी चादर लेकर यहां पहुंच चुके हैं। चादर चढ़ाने के मौके पर तमाम भाजपाइयों की भीड़ उमड़ेगी। क्योंकि मोदी वर्तमान है, वाजपेयी अतीत थे।

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