नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। शिवसेना हिंदुस्तान समेत अन्य हिंदूवादी संगठनों का विरोध दरकिनार कर प्रशासन पाकिस्तान से जियारत करने आए 371 सदस्यीय पाकिस्तानी नागरिकों को अजमेर पहुंचाने में कामयाब रहा। यह जत्था यहां ख्वाजा साहब के उर्स में शमिल होने आया है। हर साल पाकिस्तान से जायरीन जत्था उर्स में अजमेर आता है। इन दिनों भारत-पाक के संबंधों में कुछ ज्यादा ही तल्खी कायम है। पठानकोट हमले को लेकर पाकिस्तान कूटनीतिक चालें चल रहा है। इसे लेकर देश में पाकिस्तान के प्रति खासा रोष है। कश्मीर में भारत माता की जय बोलने वालों पर लाठीचार्ज जैसी कार्रवाई से भी लोग खासे क्रोधित हैं। ऐसे माहौल में पाक जत्थे के अजमेर आने की सूचना मिलते ही शिवसेना हिंदुस्तान ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर चेतावनी दी थी कि पाक जत्थे को अजमेर में घुसने नहीं दिया जाएगा। यह चेतावनी फौरी साबित हुई। सुरक्षा व्यवस्था के बीच अटारी स्टेशन की पहले दिल्ली और फिर दिल्ली से खुफिया पुलिस की सरपरस्ती में पाक दल यहां पहुंचा।
स्टेशन पर पहला कदम रखते ही पाक जायरीन भावुक हो गए। अजमेर शरीफ की मुकद्दस जमीन को चूमने लगे। इस जत्थे को सेंट्रल गल्र्स स्कूल में ठहराया गया है। हर साल उन्हें यही ठहराया जाता है। उनके लिए यहां कूलर, शुद्ध पेयजल, छाया के लिए टेंट आदि का बंदोबस्त किया जाता है। उन्हें केवल अजमेर नगर निगम की सीमा में ही घूमने का वीजा दिया गया है। अलबत्ता अपने बैज की वजह से पाक जायरीन हजारों जायरीन की भीड़ में भी आसानी से पहचाने जा रहे हैं। वे दो-पांच के गु्रप में अलग-अलग घूम रहे हैं। उनकी निगरानी में खुफिया पुलिस सक्रिय है।
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