मुंबई। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की विशेष अदालत ने 11 जुलाई, 2006 को मुंबई में लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में पांच दोषियों को बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई जबकि सात अन्य को आजीवन कारावास की सजा दी।
इससे पहले इसी महीने कोर्ट ने विस्फोट मामले में संलिप्त कथित रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के सदस्य 13 आरोपियों में से 12 को दोषी ठहराया था जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।
दोषियों को कितनी सजा दी जाये ,इसकी सुनवाई के दौरान विशेष सरकारी वकील राजा ठाकरे ने मामले को असाधारण से भी असाधारण निरूपित करते हुए आठ आरोपियों को मृत्युदंड और शेष को उम्रकैद की सजा दिए जाने की वकालत की थी।
न्यायाधीश ने अंतत: पांच दोषियों को मृत्युदंड और सात को आजीवन कारावास की सजा दी। इन्हें होगी फांसी कमाल अंसारी, एथेशाम सिद्दीकी, मोहम्मद फैजल शेख, नवीद हुसैन खान और आसिफ खान इन्हें उम्रकैद साजिद अंसारी, मोहम्मद अली शेख, डॉ. तनवीर अंसारी, जमीर शेख, मुजम्मिल शेख, शोहैल शेख और साजिद अंसारी 11 मिनट में हुए थे।