नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार को चार दिन की चीन यात्रा पर रवाना हो गए, जहां वह चीनी नेतृत्व के साथ भारत के संबंधों के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करेंगे। उनके औपचारिक प्रस्थान के समय उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।
राजकीय यात्रा के पहले चरण में राष्ट्रपति मुखर्जी चीन के सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रांतों में से एक गुआंगज़ौ जायेंगे। शाम को भारतीय समुदाय एक कार्यक्रम में उनके भाग लेने की उम्मीद है। अपनी इस यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण में राष्ट्रपति बीजिंग पहुंचकर अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ सहित चीन के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर वार्ता करेंगे। राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईआईटी के निदेशक सहित शीर्ष भारतीयों शिक्षाविदों का प्रतिनिधिमंडल भी गया है, जहां वे शीर्ष चीनी अनुसंधान और शैक्षिक संस्था के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे।
इससे पहले राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत चीन के साथ सीमा मुद्दों का एक निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान चाहता है। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत और चीन दोनों को राजनीतिक, सुरक्षा और सामरिक मुद्दों पर बातचीत के माध्यम से आपसी विश्वास और समझ बढ़ाना चाहिए।
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