नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार गंभीर रुप से काम कर रही है। बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का ऋण लेकर विदेश भागने वाले माल्या को भारत लौटकर कानून का सामना करना होगा।
संसद में सोमवार से शुरु हुए बजट सत्र के दूसरे दौर में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी किए गए नोटिस का जवाब नहीं देने पर माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार माल्या को वापस भारत लाने और उनके द्वारा बैंको से लिए गए ऋण को वापस कराने के लिए गंभीरतापूर्वक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कानून के शासन से जानी जाती है और हम ऐसे लोगों को बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक का पासपोर्ट रद्द कर दिया। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट एक्ट, 1967 की धाराओं 10(3)(c) और 10(3)(h) के तहत यह कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि माल्या के प्रत्यपर्ण के लिए क़ानून के विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। ईडी ने माल्या को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन हर बार उन्होंने पेशी के लिए और समय मांगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी।
प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर विदेश मंत्रालय ने 15 अप्रैल को माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने माल्या को नोटिस जारी कर पूछा था कि पासपोर्ट एक्ट के सेक्शन 10(3)(सी) के तहत उनका पासपोर्ट क्यों रद्द न किया जाए? नोटिस पर जवाब देने के लिए 22 अप्रैल की डेडलाइन तय की गई थी। माल्या के जवाब के आधार पर विदेश मंत्रालय ने उनका पासपोर्ट रद्द करने का फैसला किया। पिछले दिनों पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत माल्या के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी किया गया था।
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