नॉर्थ कोरिया के शासक केवल साउथ कोरिया या अमेरिका के साथ ही दुश्मन जैसा व्यवहार नहीं करते बल्कि वो अपने नागरिकों के साथ भी क्रूरता का व्यवहार करते हैं। पियोंयांग से भागकर डबलिन पहुंची योनमी पार्क नाम की नॉर्थ कोरियाई शरणार्थी ने वन यंग वर्ल्ड समिट में बताया कि किम जोन्ग के पिता के कार्यकाल में आम लोगों का जाना दूभर था।
हॉलीवुड की फिल्म देखने के आरोप में लोगों को एक लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून दिया जाता है। पार्क ने बताया था कि जब वह 13 साल की थी तो उसकी मां ने उसे सरकारी दरिंदो से बचाने के लिए खुद अपने साथ रेप की सहमति दे दी थी। इसके बाद उसने अपने परिवार के साथ देश छोड़ दिया था। पार्क अभी अमेरिका में रह रही है और सोशल एक्टिविस्ट है।
उसने अपनी जिंदगी के सफर पर ‘इन ऑर्डर टू लिव’ नाम की किताब भी लिखी है। पार्क ने कहा था कि सिर्फ नॉर्थ कोरिया जैसे देश में पैदा होने की वजह से उसे और उसके परिवार को अत्याचार सहने के लिए मजबूर होना पड़ा। पार्क ने बताया कि दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश हो, जहां इंटरनेट बंद हो। गाने, किताबें, इंटरनेशनल फोन कॉल्स और वॉइस ओपिनियन पर पाबंदी हो, लेकिन नॉर्थ कोरिया इस मामले में अपवाद है। पार्क के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया के तानाशाहों को वेस्टर्न रहन-सहन और तौर-तरीके नापसंद है। यहां तक कि जनता को कानाफूसी करने पर भी बर्बर सजा दी जाती है।
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