कानपुर। ढोंगी बाबा चक्कर में पड़कर एक परिवार को अपनी नाबालिग बेटी की जान से हाथ धोना पड़ा। परिजन शिक्षित न होने के चलते बीमार बेटी को डाक्टर के पास न ले जाकर लोगों के कहने पर ओझा (झाड़ फूंक करने वाले बाबा) के पास ले गये। जहां किशोरी को सही इलाज न मिलने पर डिप्रेशन के कारण फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम भेज दिया।
बिधनू थानाक्षेत्र के जामू गांव निवासी शिवनारायण खेती किसानी करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। किसान ने बताया कि उनकी बेटी रचना करीब छह माह से बीमार चल रही है। घरवालों के मुताबिक बेटी जिस प्रकार हरकत कर रही थी, उससे यह लगता है कि उसे किसी भूत प्रेत ने पकड़ा है। बेटी की कभी बेहोश हो जाती तो कभी उसका शरीर अकड़ने लगता। उसकी यह हालत देखकर गांव के चिकित्सक को भी दिखाया। लेकिन मर्ज न पकड़ पाने पर डाक्टर ने उसे इलाज के लिए मेडिकल कालेज में दिखाने की सलाह दी। बेटी की हरकत व ग्रामीणों के कहने पर आकर परिजन रचना को इलाज के लिए अस्पताल न ले जाकर गांव के किसी ओझा के पास ले गये। बताया गया कि बेटी बाबा के पास से होकर घर आयी है, तब से वह खुद को सभी घरवालों से खुद को अकेला छोड़ने की बात कह रही थी। मां ने कहां कि बेटी आज सुबह घर से कुछ ही दूरी बने दूसरे घर में जाने की बात कहकर निकली और काफी देरतक बेटी नहीं आयी तो परिजन परेशान हो गये। इस पर किसान बेटी को तलाशते हुए घर पहुंचा तो देखा कि कमरा बंद है। कई बार खटखटाने के बाद भी भीतर से दरवाजा नहीं खुला तो खिड़की से झाग कर देखा तो बेटी रचना का शव धन्नी के सहारे लटक रहा है। जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम भेज दिया।
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