जगदलपुर। इन दिनों आचार बनाने के लिए बाजार में कच्चे आम की मांग बढ़ गई है। इस वर्ष जब आम के पेड़ों पर बौर आए तब बेमौसम बारिश हुई थी, जिससे आम के बौर पूरी तरह से खराब हो गये थे। यहीं कारण है कि बस्तर में लोगों को अचार बनाने के लिए आम नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते बाजार में पहुंचे सीमांध्र व ओडि़सा के आम से लोग आचार बना रहे हैं। इस वर्ष भी आम की पूर्ति आंध्र व ओडि़सा से हो रही है।
गौरतलब है कि इस बार भी फलों के राजा आम के बौर आने के समय बस्तर में बेमौसम बारिश हुई थी। बेमौसम बारिश के चलते बौर खराब हुए जिससे पेड़ों में फल नहीं लग पाए। मौसम खराब होने के कारण कुछ पेड़ों में ही फल आए है। जिसके कारण लोगों को पर्याप्त मात्रा में आम नहीं मिल पा रहा है। लोकल आवक न होने के कारण 40-50 रूपये किलो में कच्चा आम मिल रहा है। जिसके चलते लोग बाजार से सीमांध्र व ओडि़सा से आए आम को खरीद कर आचार की बर्नी भर रहे हैं। बाजार से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष लोकल आम की आवक बिलकुल नहीं हैं। बाजार में सीमांध्र व ओडि़सा से ही आम की आवक हो रही है। जिसके कारण दाम बढ़े हुए है। इन दिनों बाजार में कच्चा व पका हुआ आम 40 से 50 रूपये किलो में बिक रहा है। बावजूद लोग बस्तर में आम न होने के कारण भारी मात्रा में इसकी खरीदी कर रहे हैं।
संजय बाजार के कुछ व्यवसायियों ने बताया कि वे विगत कई वर्षों से बाजार में आम बेचते आ रहे हैं। विगत कुछ वर्षों से तो लोकल आम की भी आवक होती रही, लेकिन इस वर्ष लोकल आम की बिलकुल भी आवक नहीं है। वर्ष की शुरूआत से ही सीमांध्र व ओडि़सा से आम की आवक हो रही है। जिसके चलते आम के दामों में वृद्धि हुई है।
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