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अशोक सिंहल की गर्जना शांत, ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। हिन्दू हित में गरजने वाले बुजुर्ग नेता अशोक सिंघल की गर्जना मंगलवार को हमेशा-हमेशा के लिए शांत हो गई। विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक अशोक सिंहल का आज गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें शनिवार सुबह फेफड़े में संक्रमण के चलते गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। तब से वे जीवन रक्षक प्रणाली पर थे।

सिंहल के पार्थिव शरीर को दक्षिणी दिल्ली के आरके पुरम सेक्टर-6 स्थित विहिप कार्यालय में शाम 7 बजे से 9 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झंडेवालन स्थित मुख्यालय में लाया जाएगा। यहां उन्हें बुधवार दोपहर 3 बजे तक अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। शाम 4 बजे निगम बोध घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा ने बताया कि सिंघल का दोपहर 2.24 बजे गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। दायें फेफड़े के संक्रमण से ग्रसित सिंहल को क्रिटिकल केयर, श्वसन, कार्डियोलोजी, एन्डोक्रिनियोलॉजी, तंत्रिका विज्ञान और नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञों की एक टीम की देखरेख में इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया था।
मेदांता अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ए.के. दुबे ने बताया कि 89 वर्षीय सिंह को 14 नवंबर को मेदांता अस्पताल में गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था। उनका आज दोपहर निधन हो गया। उनके शरीर के कई अंग सही ढंग से काम नहीं कर रहे थे और विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा इलाज किया जा रहा था।
इससे पहले भी नवरात्र की अष्टमी पूजा में हिस्सा लेने के लिए इलाहाबाद पहुंचे सिंहल को 21 अक्टूबर को तबीयत खराब होने के कारण एयर एम्बुलैंस के जरिए गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में तबीयत में सुधार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। मंगलवार सुबह उनका हाल जानने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और उमा भारती अस्पलाल आए थे। इससे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, विहिप नेता प्रवीण तोगडिय़ा ने उनसे मुलाकात की थी।

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से बीई थे
लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराट्रीय संरक्षक अशोक सिंघल बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से बीई थे। उन्होंने वहां से 1950 में मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की थी। पिछले 20 साल से वे विश्व हिन्दू परिषद के प्रमुख थे।

एक परिचय
जन्म-15 सितंबर 1926 में आगरा, उत्तर प्रदेश में।
मृत्यु-17 नवंबर 2015 को मेदांता अस्पताल गुडग़ांव, हरियाणा में।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े-1942 में।
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भी शामिल हुए।
संघ के प्रचारक बने-1950 में।
दिल्ली और हरियाणा में प्रांत प्रचारक रहे-1980 में।
विश्व हिन्दू परिषद में प्रतिनियुक्त हुए-1984 में।

हर तरफ शोक की लहर, बताया अपूरणीय क्षति

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, वरिष्ठ नेता कैलाश नारायण सारंग, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्लाह, थावरचन्द्र गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर व उमा भारती, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद प्रभात झा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव व सासंदज्योति धु्रर्वे, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते, वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा, सासंद डॉ. सत्यनारायण जटिया, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन ने सिंघल के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है।

राम मन्दिर निर्माण ही होगी सच्ची श्रद्धांजलि

इलाहाबाद। सुमेरूकाशी पीठाधीश्वर नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि सिंहल का जीवन दलित एवं पिछड़े समाज के लिए समर्पित रहा। उन्होंने सभी धर्माचार्यों को एक मंच पर लाने का साहसिक कार्य किया। वह राम मंदिर निर्माण आंदोलन के नायक थे और भारत सरकार को संसद में प्रस्ताव पास करके अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कराकर अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। उनके निधन से समाज को अपूर्णनीय क्षति हुई है और यह भविष्य में पूरी होने वाली नहीं है। ईश्वर उन्हें मुक्ति दे, उन्होंने ऐसी कामना की।

नए लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए

वासुदेवानन्द सरस्वती ने कहा कि सिंहल का पूरा जीवन हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहा, उनका जीवन संत स्वरूप रहा। उनके निधन से विहिप सहित हिन्दू समाज के संत और हिन्दू समाज को क्षति हुई है, परन्तु यह शाश्वत सत्य और ईश्वर की लीला है, इसे कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू समाज के लिए उन्होंने बहुत कार्य किया है और नये लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

भारतीय शास्त्रीय संगीत में थी गहरी रुचि

सिंघल को भारतीय शास्त्रीय संगीत में गहरी रुचि थी। वह हिन्दुस्तानी संगीत के गायक भी थे। परिवार का वातावरण धार्मिक होने के कारण उनके मन में बचपन से ही हिन्दू धर्म के साथ-साथ भारतीय संगीत के प्रति प्रेम जाग्रत हो गया था।

पायलट ने जताया शोक
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पायलट ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह दिवंगत आत्मा को चिरशांति एवं शोक सन्तप्त परिजन को हौसला दें।

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