लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में गुरुवार को अचानक उबाल आ गया। अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत अखिलेश सरकार ने अपने आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया और नौ मंत्रियों से उनका विभाग छीन लिया है।
बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से अचानक मुलाकात की थी। उसके बाद से ही मंत्रिमण्डल में बड़े स्तर पर फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे। अब उनकी जगह नए मंत्री बनाए जाएंगे।
करीब चौबीस घंटे बाद राजभवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रस्ताव पर राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह मंत्री स्टाम्प तथा न्याय शुल्क पंजीयन व नागरिक सुरक्षा, अम्बिका चौधरी मंत्री पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकलांग कल्याण, शिव कुमार बेरिया मंत्री वस्त्र उद्योग एवं रेशम उद्योग, नारद राय मंत्री खादी एवं ग्रामोद्योग, शिवाकान्त ओझा मंत्री प्राविधिक शिक्षा, आलोक कुमार शाक्य राज्यमंत्री प्राविधिक शिक्षा, योगेश प्रताप सिंह ‘योगेश भइया’ राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा, भगवत शरण गंगवार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग को मंत्री पद से पदमुक्त कर दिया है।
राज्यपाल ने पदमुक्त किए गए मंत्रियों के विभागों का कार्य अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में मुख्यमंत्री अखिलेश को आवंटित कर दिया है।
इसके अतिरिक्त नाईक ने मुख्यमंत्री के दूसरे प्रस्ताव पर अहमद हसन मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण, अवधेश प्रसाद मंत्री समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण सैनिक कल्याण, पारस नाथ यादव मंत्री उद्यान खाद्य प्रसंस्करण, राम गोविन्द चैधरी मंत्री बेसिक शिक्षा, दुर्गा प्रसाद यादव मंत्री परिवहन, ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी मंत्री होमगार्डस् प्रांतीय रक्षक दल, रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया मंत्री, खाद्य एवं रसद, इकलाब महमूद मंत्री मत्स्य सार्वजनिक उद्यम, महबूब अली मंत्री माध्यमिक शिक्षा को आवंटित विभाग हटाकर उनके विभागों का कार्य मुख्यमंत्री अखिलेश को अतिरिक्त प्रभाग के रूप में आवंटित कर दिया है। जबकि उक्त मंत्री बिना विभाग के अपने पद पर बने रहेंगे।
राज्यपाल नाईक नए मंत्रियों को 31 अक्टूबर को सुबह 10.30 पर राजभवन में आयोजित एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।