नई दिल्ली। करीब पांच साल बाद हैदराबाद शहर के सीवेज पानी में पोलियो का वायरस मिला है। इसके बाद तेलंगाना सरकार इसके खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। इस वायरस का पता सीवेज वाटर के लैब टेस्ट के दौरान लगा था। वायरस का नाम वीडीपीवी टाइप-2 है। वातावरण के माध्यम से यह वायरस कहीं भी पहुंच सकता है लिहाजा राज्य सरकार इसे लेकर पूरी तरह सतर्कता बरत रही है।
इसे गंभीरता से लेते हुए तेलंगाना सरकार ने पोलियो के खिलाफ एक विशेष अभियान छेड़ने का फैसला किया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव राजेश्वर तिवारी ने बताया कि तेलंगाना के अंबरपेट से लिए गए सीवेज के पानी के नमूने की जब लैब मे जांच की गई तो उसमें ‘वैक्सीन ड्राइव्ड पोलियो वायरस-टाइप टू’ वायरस पाया गया। वायरस तब पाया गया जब 2011 में देश से पोलियो के संपूर्ण उन्मूलन के बाद कई जगहों पर निगरानी व्यवस्था के तहत जांच की जा रही थी। तिवारी ने बताया कि सरकार ने रंगारेड्डी जिले में आगामी 20 से 26 जून तक सरकार ने पोलियो के खिलाफ विशेष अभियान छेड़ने का फैसला किया है। अभियान छह हफ्ते से तीन साल की उम्र के बच्चों के लिए चलाया जाएगा।
हालांकि 2010 के बाद भारत में पोलियो के वीडीपीवी आम जगहों पर नहीं मिले हैं। 2013 में ही डब्ल्यूएचओ ने भारत को पूरी तरह से पोलियो फ्री घोषित किया है। वायरस के मिलने के फौरन बाद ही हेल्थ मिनिस्ट्री ने इलाके में अपनी टीम रवाना कर दी थी। शुरुआती जांच में पाया गया कि वायरस हैदराबाद में नहीं है, लेकिन इसके अन्य राज्यों में फैलने का खतरा नजर रहा है।
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