जयपुर। बाजार में उपलब्ध कई तरह की शक्तिवर्धक दवाओं के चक्कर में नौजवान अपनी सेहत दांव पर लगा रहे हैं।
इन दवाओं से साइड इफेक्ट होना शुरू हो जाता है और एलर्जी, लीवर कमजोर होने, हाथ-पांव में सूनापन, बॉडी पेन और दिमाग में भारीपन की शिकायत होना शुरू हो जाती है।
चिकित्सकों की राय के अनुसार शक्तिवर्धक दवाइयों में मुख्यत: दो सॉल्ट होते हैं जिनमें पेरबी सोलोन और नेचरल पेरबी सोलोन। इन दोनों सॉल्टस से दवा कंपनियां अपने-अपने नाम से प्रोडेक्ट्स बाजार में लांच करती हैं। बाजार में इन दिनों वाइ सॉलोन और कार्टेन के नाम से दवाइयां मिल रही हैं। कुछ दवा कंपनियों ने इनको अलग-अलग नाम से बाजार में बेच रही हैं। ये दवाइयां अधिकांशत: गांवों, कस्बों और शहरों में खुलेआम बिक रही है जो कि गलत है। लोग इनका गलत इस्तेमाल करके अपने आपके शरीर के साथ धोखा कर रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक डॉ. कौशल शर्मा ने बताया कि हार्मोन की पूर्ति के लिए शक्तिवर्धक दवाओं का सेवन किया जाता हैं। इसके गलत सेवन का पहले तो पता नहीं चलता है लेकिन इन दवाओं का सेवन छोड़ने के बाद या उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसका इफेक्ट शुरू होना दिखाई देता है और शरीर में कई बीमारियां हो जाती है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विक्रम गोयल ने कहा कि शरीर में प्रोटीन सप्लाई के नाम पर जो बाजार में शक्तिवर्धक दवाईयां मिल रही हैं वो केवल युवाओं को नशा सहित अन्य बीमारियों की शिकार बना रही है।