इथेकोन से तैयार फल बन रहे जनस्वास्थ्य के लिए खतरा
शाजापुर। खाने में स्वादिष्ट और मजेदार लगने वाले स्वास्थ्यवर्धक फल हकीकत में आमलोगों के स्वास्थ्य पर भारी संकट उत्पन्न करने वाले बने हुए हैं क्योंकि बाजारों में इन दिनों केमिकल से पकाए हुए फलों को बेचा जा रहा है, जो जनस्वास्थ्य के लिए भारी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। एसे मामलों में जिम्मदार खाद्य एवं औषधी विभाग द्वारा बीते दिनों की गई समझाईशपूर्ण कार्यवाही के बावजूद हालात जस के तस बने हुए हैं वहीं लाभ कमाने के चक्कर में स्वार्थी तत्वों द्वारा आमजनता के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ लगातार जारी है।
पहले फलों को बंद कमरे में रखकर कार्बाइड की सहायता से पकाया जाता था, लेकिन बदलते समय तथा आधुनिकता के दौर में अब व्यापारी भी हाईटेक हो गए हैं और वे कम समय में फल पकाने के लिए इथेकोन नाम के केमिकल का बहुतायत मात्रा में उपयोग कर रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है। इस बारे में जानकारों की मानें तो पहले कार्र्बाइड से फलों को पकाने के लिए बंद कमरे में फलों को रखा जाता था, जिससे उसके पकने में लगभग 2 से 3 दिन का समय लगता था। लेकिन अब इथेकोन केमिकल का उपयोग किया जाने लगा है क्योंकि इससे महज 24 घंटे में ही फल पक जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक इथेकोन रसायन 50 एमएल प्रतिलीटर पानी में मिलाया जाता है और उसमें फलों को डूबाकर निकाल लिया जाता है। इस केमिकल से पकाए गए फल पर किसी भी तरह के धब्बे भी नहीं बनते और वह एक दम ताजा सा दिखाई देता है। अब इसके विपरित प्रभाव की यदि बात करें तो इथेकोन द्वारा पकाए गए फलों को खाने से गले मेंं जलन एसीडीटी सहित अन्य परेशानियों के बढ़ने की संभावना रहती है। कम समय में अधिक फलों को पकाकर बेचने के चक्कर में व्यापारियों द्वारा लोगों को सीधेतौर पर बिमारियां परोसी जा रही है। अनुमान के अनुसार बाजार में केमिकल से पकाए गए फलों में आम, पपीता, केला प्रमुख हैं।
क्या है नियम
खाद्य एवं औषधि विभाग के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार असुरक्षित खाद्य पदार्थ, अमानक खाद्य और मिथ्या छापा के साथ अमान्य खाद्य पदार्थ बेचने पर धारा 26 और 27 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है, जिसके आधार पर अशुद्ध सामग्री विक्रय करने वाले दुकानदारों के यहां कार्रवाई की जाती है ओर शंका होने पर सेम्पल जांच के लिए भेजे जाते हैं।
कार्रवाई के बावजूद हालत जस की तस
बाजारों में ठेलों व दुकानों पर फलों को बेचने वाले बेखोफी के साथ केमिकल से पके फलों का विक्रय खुलेआम करते नजर आ रहे हैं जिन पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा बीते दिनों शहर के खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इस दौरान विभागीय टीम ने टंकी चौराहा, धोबी चौराहा ओर बस स्टैंड पर होटलों की दुकानों पर खाद्यान ढांक कर रखने के निर्देश दिए, वहीं बस स्टैंड परिसर में सड़े गले फल बेच रहे व्यापारी के फल भी फिकवाए। लेकिन उक्त कार्रवाई का उतना प्रभावी असर देखने को नहीं मिला, जितना होना चाहिए था। फलस्वरूप बाजार में केमिकल से पके फल जनस्वास्थ्य को हानि पहुंचाने के लिए खुलेआम बिकते नजर आ रहे हैं।