दिल्ली। दीपावली में बच्चे जवान व बूढ़े सभी आतिशबाजी कर त्योहार का मजा लेते हैं लेकिन जिनके घर में अगर नवजात है, तो उनको पटाखों से दूर रहना चाहिए। यह कहना है बाल रोग विशेषज्ञ डा. यशबर्धन का। उन्होंने बताया कि पटाखों से निकलने वाले केमिकल से नवजात को एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है।
दरअसल दीपावली पर पटाखों की इतनी गूंज बढ़ जाती है जिससे ध्वनि प्रदूषण तो होता ही है, पर्यावरण प्रदूषण भी लोगों को परेशानी का सबब बन जाता है। इसके साथ ही पटाखे नवजात के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। कानपुर के हैलट के बाल रोग विशेषज्ञ डा. यशबर्धन ने बताया कि तेज आवाज से नवजात पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
आतिशबाजी की आवाज न सिर्फ दिमाग को विकसित होने से रोकती है, बल्कि आतिशबाजी के दौरान निकले केमिकल एलर्जी का भी कारण बनते हैं। केमिकल और धुएं से आक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे हृदय गति घटती-बढ़ती रहती है और पल्स रेट में भी उतार-चढ़ाव होता रहता है।
उन्होंने बताया कि 50 डेसिबल से अधिक आवाज नवजात के कान पर भी असर डालती है। ऐसे में जिनके घर में नवजात हो तो उन लोगों को पटाखों से परहेज करना चाहिए। साथ ही शाम से लेकर रात तक नवजात को बंद कमरे में रखना चाहिए।