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विवाह सम्मेलन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव, गौर कीजिए

 

सामूहिक विवाह की सकारात्मकता

नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर।  21 वी सदी में व इस मँहगाई के समय में सामूहिक विवाह आशिर्वादरूप है। हम चाहें कितना भी खर्च करें एक साथ इतने समाजबंधुओं के आशिर्वचन प्राप्त करना दुष्कर है। सामूहिक विवाह सामाजिक एकता का प्रथम सोपान है।
समाजबंधुओं ने कंधे से कंधा मीलाकर इस महायज्ञ को श्रेयस्कर बनाया एवं भावि समारोह और भी शानदार व ऐतिहासिक बनाने के शुभाशय व निष्ठा से समारोह की कमजोर कडीओं पर अँगूलीनिर्देश भी किया। पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान विट्ठल व संत शिरोमणी नामदेवजी महाराज के आशिर्वाद से सिरोही की पवित्र धर्मधरा पर संपन्न यह यज्ञोत्सव इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
सामूहिक विवाह समारोह की संपन्नता के पश्चात हूए समुद्रमंथन के बाद मेरे मन में कूछ पहलु उभरें जो विनम्र भाव से आपश्री के समक्ष रखता हूँ।
1. नामदेव समाज के लगभग सभी घर में कम से कम एक एन्ड्रोईड मोबाईल व वॉट्सएप की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए अगर सामूहिक विवाह की सॉफ्ट-पत्रिका ही बनाकर सभी सामाजिक ग्रुप्स में भेजा जाए। अगर किसी के घर में वॉट्सएप की सुविधा उपलब्ध न हो व किसी भी  ग्रुप से जूडे न हो तो उसी के ऩिकटतम समाजबंधुओं उन बंधु तक संदेश पहूँचाया जाए। अगर ऐसा सामूहिक प्रयास किया जाए तो पत्रिका छपवाने व भेजने के बडे खर्च व समय के व्यय से मूक्ति मील शकती है।
2. भोजन का मेनु एक सब्जी, पूरी व एक मिस्टान्न तक सिमित किया जाए तो भोजन की कई समस्याओं व अव्यवस्था से मूक्ति मील सकती है।
3. पीने के पानी के लिए पाँच-सात स्थान पर जवाबदार सदस्यों की समिति को साँपा जाए तो बिगाड कम व योग्य जरूरीयात पूर्ण हो सकती है।
4. कन्यादान के भामाशाह अगर जो भी दान देना चाहते हो वह उस चीज के अंदाजित मूल्य का अनुमान लगाकर उस चिज के नाम पर नकद राशि दें (अगर चिज भौतिक रूप से बडी हो तो) तो समारोह तक चिजें लानें का व वहाँ से वर-वधु के घर पर सामान पहूँचाने के वाहन खर्च व संभालने की भूमिका से मूक्ति मील सकती है।
5. सामूहिक विवाह की सॉफ्ट-पत्रिका में ही अगर बच्चों, गहनें व अपने अपने सरसामान की खुद की जिम्मेदारी के प्रति दिशानिर्देश किया जाए तो भी कई समस्याओं का समाधान हो सकता है।
6. सामाजिक सँचार के सभी माध्यमों का सूचारु संचालन करनेवाले सभी पत्रकार बंधुओं को अगर अपने अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रसार का दायित्व दिया जाए तो समग्र समारोह के सभी पहलुओं की जानकारी समग्र समाज में बिना खर्च किए ही पहूँचाई जा सकती है।
7. तमाम क्षेत्रों के अध्यक्ष व समिति की जानकारी भी वॉट्सएप के माध्यम से देकर समस्याओं को न्यूनतम कर सकते है एवं समाजबंधुओं को विशेष लाभान्वित कर सकते है।
8. समग्र समारोह में भामाशाहों द्वारा दिए जाने वाले सहयोग की राशि को किसी निश्चित बैंक के खाते में समारोह की दिनांक से कम से कम 15 दिन पहले जमा हो जाय, ताकि कार्यक्रम के सुचारु संचालन में आर्थिक तंगी से बच सकें व कार्यक्रम संपन्न होने के बाद किसी की भी सहयोग राशि बाकी न रहें।
9. समाज के हितेशीं तमाम संस्थानों व सालों से धरातल पर कार्य करनेवाले समाजसेवीओं की यादी बनाकर सभी को सस्नेह निमंत्रित किया जाए।
10. अगर सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कोई भी व्यक्ति बैनर या अन्य कोई समाज हितेशी प्रवृत्ति करना चाहें तो समारोह के कम से कम 15 दिन पहले आयोजक को समग्र माहिती से अवगत करवाकर पूर्वसंमति लें, ताकि विवाद से मूक्ति मील सके।
11. सामूहिक विवाह में कन्यादान में प्राप्त राशि के कुल रकम का एकाउन्ट पे – चेक समापन समारोह में ही दिया जाए।
12. समारोह स्थल को अगर सी.सी.टी.वी. कैमरे की निगरानी में रखा जाए तो भी कई समस्या का समाधान हो सकता है। (संभवित)
13. अगर समारोह में कोई कडी़ कमजोर रहें तो इसके बारेमें हम आयोजक से पर्सनल बात करके उन्हें अवगत कराने का शुभ प्रयास करेंगे; ताकि विवाद से छूटकारा मिलें और योग्य दिशानिर्देश हो सकें।
यह मेरे व्यक्तिगत विचार है जिसमें कमी की पूर्ण संभावना हो सकती है। मेरे वंदनीय बंधुओं से करबद्ध निवेदन करता हूँ कि मेरी इस व्यक्तितगत विचारधारा के सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं के प्रति दिशानिर्देश करें; ताकि भविष्य में मेरी लेखनी का संतुलन बना रहें।

pritesh rathour

-डॉ. प्रीतेश सुरेशचंद्र राठोड
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष,
इतिहास विभाग,
सरकारी कॉलेज, नसवाडी,
बडौदा, गुजरात
मोबाइल – 094081 56082

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