नई दिल्ली। पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में बोतलबंद पानी के उपयोग को रोकने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार ने सभी केंद्रीय विभागों, मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बोतलबंद पानी के बजाय स्वच्छ पेयजल के लिए अन्य इंतजाम करने को कहा गया है।
बोतलबंद पानी के उपयोग से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा निकलता है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। बोतलबंद पानी के उपयोग पर रोक लगाने की पहल केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने की है। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सरस्वती प्रसाद ने 28 अप्रैल को कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर सरकारी कार्यक्रमों में बोतलबंद पानी की सप्लाई पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को शुरु करने के लिए केंद्र सरकार ने दो अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत का लक्ष्य रखा है। सरकार का यह लक्ष्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनके 150वें जन्मदिन पर एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सारे देश में जन भागीदारी से स्वच्छ भारत कार्यक्रम चलाया जा रहा है लेकिन प्लास्टिक कचरा इसमें बड़ी बाधा साबित हो रही है।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब सरकार खुद प्लास्टिक कचरा पैदा कर रही हो, तो आम जनता को इससे बचने को कैसे कह सकती है। यही कारण है कि पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय के सुझाव पर कार्मिक मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार विभागों, मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र इस मुहिम को तत्काल शुरु करने का निर्देश जारी किया है। इसके तहत बैठक, सेमिनार और वर्कशाप जैसे सभी सरकारी कार्यक्रमों के दौरान बोतलबंद पानी सप्लाई से परहेज करने को कहा गया है और बोतलबंद पानी की जगह स्वच्छ पेयजल के दूसरे इंतजाम किए जाएंगे। इससे पहले भी पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय बोतलबंद पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा चुका है।