हमीरपुर। हमीरपुर और कांगड़ा जिला की सीमा के बीचों बीच वहती ब्यास नदी में अचानक पानी के बढऩे से अंतिम संस्कार कर लोगों में उस समय भगदड़ मच गई जबकि पानी के एकाएक बढऩे से अधजला शव नदी में बह गया।
हमीरपुर जिला के उपमंडल नादौन के साथ बहने वाली ब्यास नदी में एक 92 वर्षीय वृद्ध महिला का अधजला शव अंतिम संस्कार के दौरान चिता समेत नदी के पानी में बह गया। मृतका की पहचान कटोई पंचायत के हसोल गांव की चिड़ी देवी के रूप में हुई है।
महिला का मंगलवार रात करीब 12 बजे घर पर निधन हो गया था। बुधवार को परिजन शव को ब्यास नदी के तट पर अंतिम संस्कार करने के लिए करीब 11 बजे लाए। जब चिता को तैयार कर उसमें अग्नि दी गई तो अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया। ऐसे में शवयात्रा में शामिल गांव के लोगों ने भागकर जान बचाई।
हालांकि, खराब मौसम को देखते हुए चिता नदी के पानी से 30 मीटर पीछे अंतिम संस्कार के लिए लगाई थी। खराब मौसम के कारण लोगों ने भी लकड़ी डालने की रस्म को भी तेजी निभाना शुरू किया। बावजूद इसके पानी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। देखते ही देखते चिता ब्यास के पानी में बहने लगी और अधजली लाश भी पानी में समा गई।
देर शाम अधजली लाश करीब सात किलोमीटर दूर बोहल गांव में मिली। चिता में आग लगाते ही नदी का जलस्तर बढ़ गया था जिसके बाद परिजनों समेत ग्रामीण मौके से भाग गए थे। लेकिन इसके बाद परिजनों ने शव की तालाश शुरू कर दी। बोहल गांव में महिला का शव मिल गया है। शव मिलने के बाद दोबारा अंतिम संस्कार किया गया।
ग्रामीणों में पुरुषोत्तम, मिलाप, सोमनाथ और विशंभर आदि ने बताया कि क्षेत्र के करीब दो दर्जन गांवों के लोग अंतिम संस्कार के लिए शव को इसी स्थान पर लाते हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि ब्यास का जलस्तर बढऩे से पूर्व चेतावनी सायरन की सुविधा दी जाए। साथ ही नदी किनारे श्मशानघाट बनाया जाए।