इन्दौर। 1000-500 के नोट बंद होने की सूचना मिलते ही पूरे शहर में लोग अपने पास जमा किए हुए धन को निकालने के लिए बाजारों की ओर दौड़ पड़े। बाजारों में केवल छ: घंटे में ही सराफा बाजार में 100 करोड़ का कारोबार दर्ज किया गया और लोग देर रात तक सोने-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए पहुंचे और ज्वेलरी खत्म होने पर उन्होंने बुकिंग तक कराई। कारोबारियों ने भी इसका फायदा उठाते हुए 1 लाख तक का सोना केवल 70 हजार में बेचकर खूब मुनाफा कमाया। राजस्थान में सोना मुंहमांगे दामों पर बिका। जोधपुर में 65 हजार रुपए का प्रति दस ग्राम सोना बिका।
वैसे तो आमतौर पर सराफा बाजार रात 8 बजे के बाद बंद हो जाता है और उसके बाद वहां धीरे-धीरे चाट-चौपाटी लगने लगती है, लेकिन कल जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1000-500 के नोट को बंद करने की घोषणा की तो पूरे शहर में हडक़ंप मच गया और जिन लोगों के पास 1000-500 के नोट बड़ी संख्या में रखे थे वे सीधे सराफा बाजार की ओर दौड़े। लेकिन बाजार तो बंद हो गया था तो लोगों की भीड़ शहर के बड़े शो-रूमों पर लगी रही और लोग बोरा भर-भर कर नोट लेकर आभूषण खरीदने के लिए पहुंचे। जिसके चलते मात्र 6 घंटे में 1 करोड़ के आसपास का कारोबार हो गया।
दोनों करंसी बंद होने का शो-रूम मालिकों ने भी जमकर फायदा उठाया और 1 लाख का सोना मात्र 70 हजार रुपए तक बेचकर जमकर मुनाफा कमाया लेकिन उसके बाद भी देर रात तक सोने के आभूषणों की खरीदी जारी रही जिसके कारण शो-रूम पर ज्वेलरी ही खत्म हो गई। उसके बाद कई लोगों ने नकद राशि देकर बुकिंग भी करा दी। अब उन्हें दो दिन बाद सोना देने के लिए कहा है।
भले ही मंगलवार रात सोने की खरीदारी जमकर होती रही और सोने के भाव 45 हजार के करीब पहुंच गए लेकिन अब तीन महीने में सोने के दामों में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी। जिन कंपनियों ने सोने के जेवर गिरवी रख ग्राहकों को ऋण दे रखा है वे भारी नुकसान में आ जाएंगे क्योंकि एक तरफ सोने के भाव में गिरावट होने से उन्हें काफी नुकसान होगा।
वहीं दूसरी ओर जो भी ग्राहक जेवर बदलने या उन्हें निकालने के लिए पहुंचेगा उसे पुराने सारे बिल भी जमा करने होंगे जिससे सोने के ऊपर फाइनेंस करने वाली बड़ी कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अभी तक सोने का आयात 800 टन होता है लेकिन अब बाजारों में सोने के आभूषणों या सोने की खरीदारी करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करना होंगी और सोने के दाम में भी 30 प्रतिशत तक की गिरावट आने से सोने का आयात 800 टन से घटकर 300 टन पर आ जाएगा जिससे सोने के आभूषणों की बिक्री भी कम होने लगेगी। सराफा में व्यापारियों के पास 10 प्रतिशत तक का बुलियन ट्रेड कारोबार होता है जिनमें कई तरह के सिक्के व केडबेरी का लेन-देन होता रहता है परंतु सोने के भाव में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आने से बुलियन ट्रेड का कारोबार पूरी तरह खत्म ही हो जाएगा।