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स्वर्ण व्यवसायियों ने निकाली महारैली

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अजमेर-जयपुर-जोधपुर। केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में ज्वैलरी के निर्माण और बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी व टीसीएस लगाने के साथ ही खरीदारों के लिए पेन कार्ड की अनिवार्यता जैसे कानून के खिलाफ स्वर्ण व्यवसायियों का विरोध-प्रदर्शन व क्रमिक अनशन मंगलवार को भी जारी रहा। सर्राफा कारोबारियों ने सभी जिला मुयालयों पर प्रदर्शन किया। घोड़ो का चौक क्षेत्र में चल रहे धरने में आज भी ज्वैलरी व्यवसायी भूख हड़ताल पर बैठे। ज्वैलरी व्यवसायियों ने आज नए कर के विरोध में महारैली निकाली।
जोधपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव नवीन सोनी ने बताया कि पूरे देश में ज्वैलर्स पर केंद्रीय बजट में एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी के प्रस्ताव का विरोध तेज हो गया है। ज्चैलरी व्यवसाय पिछले दो मार्च से बेमियादी हड़ताल पर है। इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते ज्वैलरी कारोबार पूरी तरह ठप है। केंद्र सरकार और ज्वैलर्स के बीच गतिरोध होने से ज्वैलर्स की हड़ताल के फिलहाल टूटने के आसार कम है।
सुनार समाज ने मंगलवार को रैली निकालकर नए कर का विरोध जताया। रैली दोपहर में घोड़ों का चौक क्षेत्र से रवाना हुई। रैली विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: धरना स्थल पर पहुंची। इस रैली में जोधपुर शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों के ज्वैलरी व्यवसायियों ने भी भाग लिया। ज्वैलरी व्यवसायियों ने रैली के जरिये अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
ज्वैलर्स की हड़ताल से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है। ग्राहकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। जिन लोगों ने हड़ताल से पहले ऑर्डर दिए थे, उनको ज्वैलरी की डिलीवरी नहीं हो पा रही। आभूषण बनाने वाले कारीगर भी बेरोजगार हो गए है। प्रदेश में करीब पचास हजार व्यापारी ज्वैलरी और बुलियन कारोबार से जुड़े हैं। इस कारोबार से पांच लाख लोगों को सीधा रोजगार मिला हुआ है।

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